बिहार के 4.50 लाख किसानों को अगले तीन साल में मिलेगा बिजली कनेक्शन, हर खेत तक पहुंचेगा पानी
अधिकारियों के मुताबिक इन पंप सेटों को कृषि रोड मैप के तहत मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के माध्यम से बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. इसको लेकर संचरण एवं वितरण की संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत अच्छी-खासी रकम खर्च की जा रही है.
पटना. बिहार के हर खेत तक पानी पहुंचाने के राज्य सरकार के निश्चय पार्ट दो के तहत बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी अगले तीन साल में राज्य के साढ़े चार लाख किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन देगी. इससे किसानों को डीजल पंप से छुटकारा मिलेगा ही उनकी आय में भी वृद्धि होगी. डीजल चालित पंपों के स्थान पर विद्युत चालित पंपों से पटवन करने में करीब 15 फीसदी खर्च कम होता है. बिजली कंपनियों ने इससे संबंधित तैयारी पूरी कर ली है.
निश्चय पार्ट एक में 2.79 लाख किसानों को मिला कनेक्शन
कंपनी ने निश्चय पार्ट-एक के तहत 2,79,125 किसानों को कनेक्शन दिया था. अधिकारियों के मुताबिक बीते सात वर्षों में किसानों को बिजली मुहैया कराने की रफ्तार में तेजी आयी है. वर्ष 2016-17 में जहां 84023 किसानों को कनेक्शन दिये गये थे, वहीं जुलाई 2022 तक 3,30,207 किसानों को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं. बिहार सरकार के सात निश्चय पार्ट दो के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाना है.
कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत मिल रहा कनेक्शन
अधिकारियों के मुताबिक इन पंप सेटों को कृषि रोड मैप के तहत मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के माध्यम से बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. इसको लेकर संचरण एवं वितरण की संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत अच्छी-खासी रकम खर्च की जा रही है. पंप सेटों को बिजली कनेक्शन देने के लिए अतिरिक्त बिजली संरचना का निर्माण किया जा रहा है. राज्य में कृ़षि के लिए डेडिकेटेड फीडर बनाये जा रहे हैं. साथ ही ट्रांसफॉर्मर व लो-टेंशन लाइन का काम भी हो रहा है.
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पटवन की लागत में आयी कमी
अधिकारियों ने बताया कि किसानों को विद्युत कनेक्शन दिये जाने के बाद पटवन की लागत में कमी आयी है. कृषि उपभोक्ताओं को इस वर्ष से प्रतिदिन कम से कम 16 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है. हमने हर घर बिजली पहुंचने का लक्ष्य शत प्रतिशत पूरा किया है. अब हर खेत में बिजली पहुंचाने काम किया जा रहा है.