केंद्र के पैकेज का अधिक-से-अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज का अधिक-से-अधिक लाभ राज्य किसानों और श्रमिकों को हो, यह सुनिश्चित करें. इसके लिए अगर आवश्यकता हो, तो प्रावधानों में भी सुधार करने पर विचार करें
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज का अधिक-से-अधिक लाभ राज्य किसानों और श्रमिकों को हो, यह सुनिश्चित करें. इसके लिए अगर आवश्यकता हो, तो प्रावधानों में भी सुधार करने पर विचार करें. मुख्यमंत्री ने सोमवार को केंद्र की तरफ से घोषित आर्थिक पैकेज को लेकर विशेष रूप से कृषि, उद्योग, पशु मत्स्य, ग्रामीण विकास विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि मार्केटिंग रिफॉर्म लागू करने जा रही है. बिहार में 2006 से ही एपीएमसी को खत्म कर दिया गया है.
केंद्र सरकार अब उस मॉडल को अपना रही है, यह अच्छी बात है. जीविका के स्तर से की जा रही कांट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दें और उसका विस्तार करें. इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे.मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के स्किल की विवरणी के अनुरूप क्या-क्या नये उद्योग लगाये जा सकते हैं, क्या मदद दी जा सकती है, इस पर विचार करें. आवश्यकता होने पर नीतियों में सुधार किया जा सकता है. इसके लिए वित्त विभाग, उद्योग विभाग, श्रम विभाग और अन्य संबंधित विभागों के सचिवों की एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स बनायी जाये, जो इस संबंध में सुझाव देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा में अधिकतम श्रम दिवस की सीमा को 100 से 200 करने और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के बीमा से संबंधित तिथि विस्तार के लिए केंद्र से अनुरोध करें.
मखाना से हो सकता हर थाली में बिहार के व्यंजन का सपना पूरामुख्यमंत्री ने कहा कि हर हिंदुस्तानी की थाली में बिहार का एक व्यंजन हो, यह सरकार का उदेश्य है. मखाना इसे पूरा कर सकता है. इससे कृषि रोडमैप में निर्धारित लक्ष्य भी पूरा हो सकेगा. मखाना, शाही लीची और शहद की बिहार में असीम संभावनाएं हैं. इन पर विशेष फोकस करें और इससे जुड़े उत्पादों की ब्रांडिंग करें. उन्होंने कहा कि मखाना और मखाना उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दें. मखाना का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाएं, उसकी प्रोसेसिंग और मखाना उत्पादों के लिए बाजार को बढ़ावा दें. मखाना का व्यापार बिहार से ही हो, इसकी योजना बनाएं. इससे बिहार की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी.अन्य उत्पादों के कलस्टर को भी दें बढ़ावामुख्यमंत्री ने कहा कि मखाना के साथ-साथ शाही लीची, चिनिया केला, आम, फल उत्पादन, मेंथा तेल, खस तेल, कतरनी चावल और अन्य कृषि उत्पादों के कलस्टर को भी बढ़ावा दें.
कृषि उत्पादों के लिए बाजार की उपलब्धता के साथ-साथ पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर भी ध्यान दें. सीएम ने कहा कि शहद उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं. इसके लिए शहद का प्रोसेसिंग यूनिट और मार्केटिंग व ब्रांड वैल्यू पर विशेष बल दिया जाये. शहद उत्पादन को सहकारी संस्थानों से लिंक किया जाये. शहद से संबंधित वैल्यू एडेड उत्पादों यथा रॉयल जेली, बी.बैक्स, पौलेन, वेनम समेत अन्य के संबंध में कृषि रोडमैप में भी बल दिया गया है. इसे भी बढ़ावा दें.गंगा नदी तट पर मेडिसिनल प्लांट को दें बढ़ावा मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी तट पर बनाये गये जैविक खेती कॉरिडोर में मेडिसिनल प्लांट के उत्पादन को बढ़ावा दें. लेमन ग्रास, खस व मेंथा के उत्पादन एवं उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाया जाये. राजगीर की पहाड़ियों पर बड़ी संख्या में मेडिसिनल प्लांट हैं.
इसका अध्ययन करवाएं और इनके उपयोग के लिए संस्थागत व्यवस्था की जाये.पशुओं का कराएं टीकाकरणबड़े और छोटे पशुओं मसलन गाय, भैंस, बकरी, भेंड, सुअर का शत-प्रतिशत एफएमडी टीकाकरण किया जाये. इस संदर्भ में कार्रवाई सुनिश्चित करें.बाहर से आ रहे श्रमिकों की स्किल मैपिंग के अनुसार मिले रोजगारमुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आ रहे श्रमिकों के लिए उनकी स्किल मैपिंग के अनुसार रोजगार सृजन की व्यवस्था करें. इसके लिए राज्य में संचालित इकाइयों में श्रमिकों को उनके स्किल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाये. साथ ही नयी निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए भी काम किया जाये. नये उद्योगों को लगाने में सरकार पूरी मदद करेगी.