जमीन पर नीचे खेती, ऊपर सोलर प्लांट लगा किसान बढ़ा सकेंगे अपनी आमदनी

बिहार में पीएम कुसुम योजना के तहत 843 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े कुल 1235 कृषि व मिश्रित फीडरों के सोलराइजेशन को लेकर बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 8:43 PM

पीएम कुसुम योजना : कृषि फीडरों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में किसानों की भी होगी भूमिका

संवाददाता, पटना.

बिहार में पीएम कुसुम योजना के तहत 843 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े कुल 1235 कृषि व मिश्रित फीडरों के सोलराइजेशन को लेकर बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना में किसान या फर्म इन 843 विद्युत उपकेंद्रों के लगभग पांच किमी दायरे के अंदर कृषि फीडर में मौजूद लोड के अनुसार फीडर के ऊर्जान्वयन हेतु सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं. इसके अंतर्गत किसान अपनी जमीन सोलर प्लांट लगाने के लिए लीज अथवा रेंट पर दे सकते हैं. वे अपने जमीन में ऊंची संरचना बना कर ऊपर सोलर प्लांट लगा सकते हैं और नीचे खेती कर सकते हैं. एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए चार एकड़ जमीन की जरूरत होती है.

व्यावसायिक कंपनी के मुकाबले किसानों को अधिक सहूलियत

कंपनी के मुताबिक इस योजना में व्यावसायिक कंपनी के लिए कम से कम एक करोड़ पांच लाख प्रति मेगावाट का न्यूनतम शुद्ध संपत्ति का वित्तीय मानदंड रखा गया है. परंतु किसान, किसानों के समूह, सहकारिता, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपभोगकर्ता संघ, स्वयं सहायता समूह भी बिना किसी तकनीकी या वित्तीय मानदंड के भाग ले सकते हैं. यदि किसान इस संविदा में भाग लेते हैं तो उन्हें केवल प्रत्येक मेगावाट का इएमडी के रूप में एक लाख रुपये देने होंगे.

केंद्र व राज्य सरकार से मिलेगी वित्तीय सहायता

बिजली कंपनी ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ रुपये तथा बिहार सरकार द्वारा प्रति मेगावाट 45 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदान की जायेगी. सफल बोलीकर्ता को 15 महीने के अंदर सोलर प्लांट का निर्माण कर उसे 11 केवी लाइन द्वारा विद्युत उपकेंद्र से जोड़ देना होगा. वितरण कंपनी 25 वर्षों के लिए इस प्लांट से बिजली खरीदने का इकरारनामा करेगी.

उपकेंद्रों के लिए 20 जून तक लगा सकेंगे बोली

निविदा भरने हेतु किसान या कंपनी को https://eproc2.bihar.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. साथ ही डिजिटल सिग्नेचर, पैन कार्ड, इ-मेल आइडी तथा मोबाइल नंबर भी होना चाहिए. डिजिटल सिग्नेचर किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क कर बनवाया जा सकता है. बोलीकर्ताओं को बोली जमा करते निविदा शुल्क के अतिरिक्त एक लाख रुपये प्रति मेगावाट की अग्रिम धनराशि बैंक गारंटी के रूप में जमा करनी होगी. टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली में भाग लेने की अंतिम तिथि 20 जून 2024 रखी गयी है. इस योजना में भाग लेने वाले इच्छुक किसान, कंपनी अपना नाम, पता. वाट्सएप नंबर, विद्युत उपकेंद्र का नाम जिस पर संयंत्र लगाना चाहते हैं, उपलब्ध भूमि (एकड़ में), उस पावर सबस्टेशन का नाम जहां वे सौर ऊर्जा भेजना चाहते हैं, बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी वाट्सएप नबर 7320924004 पर लिख कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version