नदी तट से तीन किमी की परिधि से बाहर की जमीन से बलुई मिट्टी हटा कर हो सकेगी खेती
राज्य में बलुई मिट्टी वाले रैयती जमीन को अब खेती लायक बनाने के लिए सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है.
संवाददाता, पटना राज्य में बलुई मिट्टी वाले रैयती जमीन को अब खेती लायक बनाने के लिए सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है. इसके तहत सोन, किउल, फल्गु, मोरहर, चानन और गंगा नदी को छोड़कर अन्य नदियों में नदी तट से तीन किमी (एरियल डिस्टेंस) की परिधि के बाहर बलुई मिट्टी को हटाने और उपयोग करने की अनुमति दी जायेगी. खेत से बलुई मिट्टी हटते ही वहां की बेहतर मिट्टी पर अच्छी खेती की जा सकेगी. बलुई मिट्टी हटाने के लिए संबंधित जिले के समाहर्ता से खनिज निपटान परमिट मिल सकेगी. यह नया प्रावधान खान एवं भूतत्व विभाग की नई बिहार खनिज नियमावली, 2024 में किया गया है. सूत्रों के अनुसार रैयती जमीन से बलुई मिट्टी हटाने के लिए खनिज निपटान परमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया तय की गयी है. संबंधित रैयत परमिट निर्गत करने के लिए खनन अधिकारी के समक्ष एक आवेदन देगा. खनन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय अंचल अधिकारी उस जमीन का सत्यापन करेंगे. यह होगा जरूरी यह अनुमति सरकार को लागू स्वामित्व और अन्य प्रकार के अग्रिम भुगतान कर और सभी वैधानिक अनापत्ति प्राप्त करने के बाद सीमित मात्रा में अधिकतम एक वर्ष के लिए दी जा सकेगी. इसके लिए समय-सीमा पांच कार्य दिवस निर्धारित की गई है.
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