RainCoat In Patna: पटना में हर साल की अपेक्षा मानसून का आगमन इस बार भले ही थोड़ी देर से हुआ हो लेकिन, पहली और दूसरी बारिश के बाद से ही बाजारों में रंग-बिरंगे छाते व रेनकोट सज गये हैं. ऐसे में पटनाइट्स बारिश के बचाव की तैयारियां शुरू कर दिये हैं. वहीं, इस बार दुकानदारों को भी अच्छी आमदनी की उम्मीद है. शहर के मॉलों से लेकर फुटपाथ और ब्रांडेड दुकान में छाते व रेन कोट की मांग होने लगी है. ग्राहकों में इनकी मांग बढ़ने के साथ ही विक्रेता नया स्टॉक ग्राहकों को दिखा रहे हैं. बोरिंग रोड के एक दुकानदार अभिषेक ने बताया कि रेनकोट व छाते विभिन्न रंगों के हैं तथा लेटेस्ट स्टाइल ग्राहकों को लुभा रहे हैं. अभिषेक के मुताबिक उन्होंने दाम नहीं बढ़ायें हैं, बल्कि जायज कीमतों में छातों को बेच रहे हैं. बच्चों की रेनकोट की वैरायटी सबसे अधिक है.
कलरफुल, फैशनेबल व डबल यूज रेनकोट है मार्केट में
पटना जंक्शन, अशोक राजपथ, बोरिंग रोड, खेतान मार्केट, हथुआ मार्केट में रेन कोट और रंग-बिरंगे छतरियों के विक्रेताओं ने बताया कि मानसून आने के साथ ही ग्राहकी में तेजी आयी है, हालांकि अभी जिस तरह से बिक्री होना चाहिए, नहीं हो रहा. फिर भी हमारे पास स्टॉक में कलरफूल, फैशनेबल और डबल यूज रेनकोट अलग-अलग डिजाइनों में उपलब्ध है. साथ ही बारिश से बचाव के लिए प्लास्टिक के पेंट और शर्ट की भी बाजार में अच्छी डिमांड है. यह सभी महिलाओं, पुरुष एवं बच्चों के साथ ही हर आयु वर्ग के व्यक्तियों की साइज के अनुरूप तैयार किये गये हैं. जहां, महिलाएं एवं युवतियां को कलरफुल और फैशनेबल रेनकोट अधिक पसंद आ रहे हैं, वहीं पुरुष सामान्यत: पेंट शर्ट ही खरीद रहे हैं. बाजार में कई डिजाइनों में और छोटी व बड़ी छतरियों की भी बिक्री हो रही है. बड़े-बुजुर्गों के लिए लकड़ी के हैंडल वाली छतरी की आज भी डिमांड है.
सिंथेटिक रेनकोट होते हैं काफी आरामदायक
बाजार में इन दिनों सिंथेटिक रेनकोट की मांग ज्यादा है. प्लास्टिक रेनकोट की अपेक्षा ये न सिर्फ मजबूत होते हैं, बल्कि देखने और पहनने में आरामदायक भी होते हैं. इनकी गुणवत्ता के आधार पर ये अन्य रेनकोट से महंगे भी होते हैं. सिंथेटिक रेनकोट की एक खासियत यह भी है कि वे बहुत हद तक कपड़े की ही तरह होते हैं और पहनना आसान होता है.
14 करोड़ रुपये से अधिक का होगा कारोबार
बरसात शुरू होने से बरसात से संबंधित उत्पाद बेचने वाले कारोबारियों में खुशी की लहर है. पिछले साल की तुलना में इस बार छाता, रेनकोट, जूते, सैंडल आदि की बिक्री अच्छी रहने की उम्मीद है. कारोबारियों ने बताया कि यह कारोबार असंगठित है. मार्केट में कुछ ही ब्रांडेड कंपनियों है लेकिन गैर ब्रांडेड कंपनियों के उत्पाद अधिक है. राकेश अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2023 में पूरे सीजन में पटना और आसपास के इलाके में लगभग 12 करोड़ का कारोबार हुआ था, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 14 करोड़ रुपये से अधिक का होगा. पिछले साल की तुलना में उत्पादों की कीमत में 10 से 15 फीसदी तक इजाफा हुआ है.
1. कोलकाता से मंगायी गयी है फैशनेबल छतरी
बोरिंग रोड में कपड़े की दुकान चला रहे विजय कुमार ने बताया कि मानसून के आते ही हमने कोलकाता से कई फैशनेबल छतरी मंगवाया है. इस बार दो फोल्ड व तीन फोल्ड की ऑटोमेटिक और नन ऑटोमेटिक छतरी मार्केट में उपलब्ध है. ग्राहकों को यह छतरी ~250-300 के बीच बेच रहे हैं. विजय ने बताया कि महिलाओं को प्रिंटेड व पुरुष को प्लेन छतरी पसंद आ रही है. इसके अलावे स्मॉल से लेकर बड़े आकार के रेनकोट भी उपलब्ध हैं. हालांकि, अभी ग्राहक कम आ रहे हैं. हमारे पास ~600 से 1500 के बीच रेनकोट उपलब्ध है. बच्चों को कार्टून कैरेक्टर वाली छतरी काफी पसंद आ रही है.
2. 350 में रेनकोट और 130 में उपलब्ध हैं छाते
आशियाना, दीघा के बैग हाउस की दुकान चला रहे गुडडू मोहम्मद रिजवान कहते हैं, बरसात के दिनों में मैं छतरी और रेनकोट बेचता हूं. हमारे यहां ग्राहकों के लिए 130 रुपए से लेकर 350 रुपए तक के छतरी उपलब्ध है. जबकि, रेनकोट की शुरुआती कीमत 350 रुपए से लेकर 1200 रुपए तक में है. उनके दुकान पर फुल बॉडी साइज के रेनकोट की अधिक बिक्री होती है. जिसे रोजाना काम करने वाले वर्कर्स और ऑफिस वाले लोग काफी अधिक पसंद करते हैं. दुकानदार रिजवान ने बताया कि रेनकोट और मानसून के सारे आइटम वह कोलकाता से लाते हैं. उनकी दुकान रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर रात के आठ बजे तक खुली रहती है.
3. ‘दादाजी’ व ‘बाबाजी’ वाले नाम से मिल रहा छाता
पटना जंक्शन के पास छतरी व रेनकोट की कई दुकानें हैं. यहां रिवर्सिबल रेनकोट आसानी से मिल जाता है. यहां के एक दुकान संचालक मधेश्वर प्रसाद ने बताया कि रेनकोट और छतरियों की कीमत कई चीजों के आधार पर तय होती है. इसमें गुणवत्ता के अलावा फैशन को भी ध्यान में रखा जाता है. इस वर्ष रेनकोट की कीमत 200 रुपये से शुरू हो रही है. हालांकि, कीमतें बढ़ते हुए पांच से छह हजार तक भी जाती हैं. वैसे एक साधारण रेनकोट 600 से 700 रुपये की कीमत में मिल जाती हैं. यहां एक फोल्ड, दो फोल्ड और तीन फोल्ड वाले छाते विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं. महिलाएं, लड़कियां और युवतियां प्रिंटेड छतरी और रेनकोट ज्यादा पसंद करती हैं. वहीं बड़े-बुजुर्गों के लिए लकड़ी के हैंडल वाली छतरी की डिमांड आज भी है. छातों की कीमत 280 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की रेंज में है. यह छाता काले छाते ‘दादाजी और बाबा जी वाले’ नाम से मशहूर है.
4. छाते की कीमत 250 से लेकर 300 रुपये
दीघा मोड़ पर प्रमोद कुमार झा की एक छाते और रेनकोट की दुकान है. इनकी दुकानें कई वेराइटी की छाते और रेनकोट से भरी पड़ी हैं. इनके पास सबसे यूनिक फैमिली छाता है. इसमें चार लोग आराम से आ जाते हैं. इसकी कीमत 250 रुपये हैं. दुकानदार प्रमोद बताते हैं कि वह छतरी को पटना सिटी से मंगाते हैं. उन्होंने बताया कि इस बार गर्मी अधिक पड़ने के कारण मानसून से पहले भी छतरी की अच्छी बिक्री हुई. यहां अधिकतम 300 की छतरी उपलब्ध है. दरअसल, अब लोग रेनकोट का उपयोग अधिक कर रहे हैं. क्योंकि बारिश के होते ही घर, ऑफिस से निकलना मुश्किल हो जाता है. वहीं अगर बारिश के रुकने तक का वेट करो, तो काफी लेट हो जाते हैं. ऐसे में लोग रेनकोट की ज्यादा मांग करते हैं.