पीएमसीएच के हॉस्टल में मिली महिला डॉक्टर की लाश
पटना : पीएमसीएच के कस्तूरबा गर्ल्स हॉस्टल की चौथे मंजिल पर कमरा नंबर-70 में महिला डॉक्टर शिवांगी गुप्ता (34 वर्ष) की संदिग्ध हालत में मौत हो गयी. उनकी लाश हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिली है. शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं.
पटना : पीएमसीएच के कस्तूरबा गर्ल्स हॉस्टल की चौथे मंजिल पर कमरा नंबर-70 में महिला डॉक्टर शिवांगी गुप्ता (34 वर्ष) की संदिग्ध हालत में मौत हो गयी. उनकी लाश हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिली है. शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. वे एनएमसीएच के एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट थीं. पीएमसीएच के हॉस्टल में अकेले रहती थीं. वह अभी अविवाहित थीं. शुरुआती जांच में पुलिस को ऐसा लग रहा है कि बेहोशी के इंजेक्शन के ओवरडोज से उनकी मौत हुई है. जब सुबह 9 बजे तक उनका कमरा नहीं खुला, तो उनके परिजनों को बुलाया गया. परिवार के लोगों ने भी बाहर से काफी आवाज लगायी और कई बार कॉल किया. जब कोई जवाब नहीं मिला, तो परिवार के लोगों ने कमरे के गेट को तोड़ दिया. कमरा अंदर से लॉक था, इसलिए सुसाइड कीबात कही जा रही है. सूत्रों कि मानें, तो मामला संदिग्ध है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है.
पीएमसीएच की पासआउट थीं
डॉक्टर शिवांगी गुप्ता रामकृष्णा नगर इलाके के जगरनाथ अपार्टमेंट (कृष्णा निकेतन स्कूल, जकरिया) की रहने वाली थीं. उनके पिता प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं. साल 2009 में इन्होंने पीएमसीएच से एमबीबीएस किया था. इसके बाद पीएमसीएच से ही 2017-2020 के सेशन में पीजी किया. वह लगातार पीएमसीएच के गर्ल्स हॉस्टल में फोर्थ फ्लोर पर स्थित कमरा नंबर 70 में अकेली ही रह रही थीं. एक सप्ताह पूर्व एनमसीएच में एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट के रूप में ज्वाइन किया था. दो दिन पहले पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी से मिली थीं.
बेटी की लाश देख कर दंग रह गये परिवार वाले
डॉक्टर बेटी की लाश देख कर घरवालों के होश उड़ गये. पूरे कैंपस में हल्ला मच गया कि शिवांगी ने सुसाइड कर लिया. पीएमसीएच के सभी डॉक्टर उसके कमरे में पहुंचे. घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल था.
मंगलवार को तीन बजे काम खत्म कर लौटी थी हॉस्टल
एनएमसीएच की सीनियर रेजीडेंट बनीं डॉ शिवांगी गुप्ता मंगलवार को एनएमसीएच से लगभग तीन बजे कार्य समाप्त करने के बाद लौटी थीं. चिकित्सकों की मानें, तो अस्पताल के निश्चेतना विभाग में सीनियर रेजीडेंट के तौर पर एक माह पहले ही योगदान दिया था. मृतका पीएमसीएच में पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल ऑफिसर के लिए प्रशिक्षण के तहत एनएमसीएच में योगदान दिया था. हालांकि, इस मामले में अस्पताल के कोई भी चिकित्सक कुछ नहीं बता रहे हैं. अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह व विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने मौत को दुख बताया है. बताया जाता है कि वह पीएमसीएच के पीजी छात्रावास में रहती थी.
posted by ashish jha