पटना. बिहार में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है. फिल्म निर्माण क्षेत्र को भी उद्योग का दर्जा दिया जायेगा. ताकि फिल्म निर्माण में लगे लोगों को भी उद्योग की तरह सब्सिडी, सिंग्ल विंडो सिस्टम व दूसरी सुविधाओं को लाभ मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार नयी फिल्म पॉलिसी बनायी है. जल्द ही फिल्मी पॉलिसी से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे.
नयी नीति के तहत अगर कोई निर्माता अपनी फिल्म की 75 फीसदी शूटिंग बिहार में करते हैं, तो उन्हें लागत के हिसाब से सब्सिडी दी जायेगी. फिल्म निर्माण संबंधी सभी तरह की क्लियरेंस लेने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का प्रावधान किया गया है. इसके लिए बिहार फिल्म निर्माण निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है. अभी सब्सिडी का लाभ हिंदी, भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और बज्जिका भाषा में फिल्म बनने वालों को मिलेगा. नये प्रावधान के अनुसार यदि किसी फिल्म को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में पुरस्कृत किया जाता है, तो उसे अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी.
नयी फिल्म नीति में मल्टीप्लैक्स और सिनेमा हॉल में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए भी सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. अभी राज्य में कई सिनेमा हॉल बंद हैं या आधुनिक तरीके से नहीं बना हुए हैं. इसमें लागत के हिसाब सब्सिडी दी जायेगी.
कला, संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग ने फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने वाली पॉलिसी को अंतिम रूप दे दिया है. दरअसल इस पॉलिसी से सरकार को उम्मीद है कि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. राज्य में फिल्मों की शूटिंग होने स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को रोजगार और सम्मान मिलने की उम्मीद है. राज्य फिल्म विकास निगम ऐसे कलाकारों और तकनीशियनों की सूची तैयार कर उनके पारिश्रमिक भी निर्धारित करेगा.
फिल्म विकास के लिए सरकार ने पर्यटन विभाग से जिम्मेदारी लेते हुए कला,संस्कृति एवं युवा विभाग को दे दी है. विभाग ने इसके लिए इसके लिए फिल्म विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
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