बिहार के शहरी निकायों में स्थित वर्ल्ड हेरिटेज साइट और धार्मिक स्थानों पर किसी तरह के विज्ञापन के प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी. इसके साथ ही राष्ट्रीय उद्यान, जिला वन, वन निकाय, ऐतिहासिक स्मारक, श्मशान, कब्रिस्तान, खंडहर और लुप्तप्राय: क्षेत्रीय इकोसिस्टम के रूप में वर्गीकृत क्षेत्रों में भी विज्ञापन का प्रदर्शन नहीं हो सकेगा. सूबे में लागू बिहार नगरपालिका क्षेत्र विज्ञापन नियमावली 2023 में इसका प्रावधान किया गया है. बिना अनुमति इन जगहों पर विज्ञापन लगाने वालों के खिलाफ बिहार संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1985 के अंतर्गत कार्रवाई की जायेगी.
बिना अनुमति विज्ञापन लगाया ,तो 200 फीसदी तक जुर्माना
नियमावली के मुताबिक यदि किसी एजेंसी ने पूर्व अनुमति के बिना या अनुमोदित विज्ञापन नहीं लगाया, तो उसे हटाने का अधिकार नगर निकाय के पास होगा. ऐसे मामलों में विज्ञापन के उच्चतम मूल्य के शुल्क के 200 प्रतिशत के बराबर राशि का जुर्माना वसूला जायेगा. किसी दुकान या प्रतिष्ठान के द्वारा यदि अपने भवन से बड़ा या दूसरे ब्रांड का विज्ञापन लगाने पर भी इतना ही जुर्माना लगेगा. तीन कार्य दिवसों के भीतर जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर प्रति माह 1.5 प्रतिशत का ब्याज देना होगा.
क्रूरता और यौन ओवरटोन वाले विज्ञापनों पर रोक
नगर विकास एवं आवास विभाग ने नियमावली में प्रावधान किया है कि नकारात्मक या ट्रैफिक खतरे का कारण बनने वाले विज्ञापन शहरी क्षेत्र में नहीं लगेंगे. नकारात्मक विज्ञापनों की सूची में नग्नता, नस्लीय या जातीय मतभेद बढ़ाने, महिलाओं-बच्चों के शोषण को बढ़ावा देने, यौन ओवरटोन वाले, हिंसा का महिमामंडन करने या जानवरों के प्रति क्रूरता दिखाने वाले विज्ञापनों आदि को रखा गया है.
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नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल पर पांच फीसदी की छूट
नियमावली में विज्ञापन उपकरणों पर रोशनी के लिए सौर सहित नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए छूट देने का निर्णय लिया गया है. ऐसे संसाधनों से बिजली आपूर्ति करने वाले ऊर्जा बचत प्रस्तावों को नगर निकाय विज्ञापन शुल्क पर पांच प्रतिशत छूट देंगे. डीजल, पेट्रोल या केरोसिन पर चलने वाले जेनरेटर से रोशनी देने वाले विज्ञापन उपकरणों को मंजूरी नहीं दी जायेगी.
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