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नौबतपुर नपं के इओ व कर्मियों पर गबन मामले में होगी एफआइआर

पटना. नौबतपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी व नगर पंचायत कार्यालय के दोषी कर्मियों पर सरकारी राशि गबन के मामले में प्राथमिकी दर्ज होगी.

पटना. नौबतपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी व नगर पंचायत कार्यालय के दोषी कर्मियों पर सरकारी राशि गबन के मामले में प्राथमिकी दर्ज होगी. साथ ही निलंबित भी किया जायेगा. इस मामले में डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर इन सभी पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. नौबतपुर नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष सह वार्ड संख्या 10 की पार्षद गीता देवी ने सरकारी राशि के गबन के संबंध में आरोप लगाया था. इसके बाद इसकी जांच अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण से करायी गयी. जांच रिपोर्ट में नौबतपुर के कार्यपालक पदाधिकारी एजेंसी शुभम कॉरपोरेशन व रुद्रा इंटरप्राइजेज से मिलीभगत कर सामान की खरीदारी में गबन किया गया. सभी के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करने के लिए लिखा गया. कार्यपालक पदाधिकारी सहित कर्मियों पर गलत तरीके से हाउसहोल्ड डस्टबिन, मोबाइल टॉयलेट व इ-रिक्शा की खरीद और स्वागत द्वार बनाने में दो एजेंसियों को गलत तरीके से भुगतान किये जाने का आरोप है. इन कामों में लगभग 72 लाख भुगतान किया गया है, जबकि खरीद का काम व स्वागत द्वार के निर्माण का काम भी अधूरा है. समय पर सामान की आपूर्ति नहीं होने पर भी भुगतान हुआ: नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष गीता देवी ने आरोप लगाया कि बगैर टेंडर निकाले हाउसहोल्ड डस्टबिन, मोबाइल टॉयलेट व 110 लीटर डस्टबिन खरीद की गयी. एक से डेढ़ हजार रुपये की 110 लीटर की प्लास्टिक डस्टबिन की खरीद नौ हजार रुपये प्रति डस्टबीन कर 100 डस्टबिन के लिए 8.37 लाख का भुगतान किया गया. मोबाइल टॉयलेट उपलब्ध कराने का समय फरवरी, 2018 था. जुलाई, 2018 तक उपलब्ध नहीं कराने के बावजूद एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया. मोबाइल टॉयलेट के लिए 35.43 लाख रुपये का भुगतान किया गया. स्वागत द्वार के निर्माण में 17.77 लाख का भुगतान किया गया, जबकि काम अधूरा है. अधिकतर काम शुभम कॉरपाेरेशन को मिला. विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति समय पर नहीं करने के बावजूद कार्रवाई नहीं किया जाना कार्यपालक पदाधिकारी की संदिग्ध कार्यशैली को दर्शाता है. ऑडिट रिपोर्ट में दर्शाया गया कि 1100 लीटर जीआइ डस्टबिन का शुभम कॉरपोरेशन द्वारा बिल पर दर्शाये गये जीएसटीएन नंबर भी गलत था. साथ ही बुडको द्वारा निर्धारित दर 22,964 रुपये था, जबकि शुभम कॉरपोरेशन से 46 हजार की दर से खरीद की गयी.

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