बिहार में अब सरकारी योजनाओं का पानी चुराने पर दर्ज होगा FIR, पानी बर्बाद करना भी पड़ेगा महंगा
राज्य में जल संरक्षण और घरों व खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई काम हो रहे हैं. साथ ही राज्य में पेयजल संकट की आशंका व पानी की हो रही बर्बादी के मद्देनजर अधिकारी वैसे राज्यों की नियमावली का अध्ययन कर रहे हैं, जहां पानी चोरी करने पर जुर्माना के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई का नियम है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद व सूरत सहित अन्य राज्यों में बनी नियमावली का अध्ययन किया जायेगा. फिलहाल पानी की चोरी करने वालों के खिलाफ एफआइआर कराने का प्रावधान किया जायेगा. जल्द ही इसकी स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा जायेगा.
प्रह्लाद कुमार, पटना: राज्य में जल संरक्षण और घरों व खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई काम हो रहे हैं. साथ ही राज्य में पेयजल संकट की आशंका व पानी की हो रही बर्बादी के मद्देनजर अधिकारी वैसे राज्यों की नियमावली का अध्ययन कर रहे हैं, जहां पानी चोरी करने पर जुर्माना के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई का नियम है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद व सूरत सहित अन्य राज्यों में बनी नियमावली का अध्ययन किया जायेगा. फिलहाल पानी की चोरी करने वालों के खिलाफ एफआइआर कराने का प्रावधान किया जायेगा. जल्द ही इसकी स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा जायेगा.
जलापूर्ति योजना में चोरी करने पर होगी सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के हाल के सर्वे में यह बात सामने आयी है कि लोग सरकारी जलापूर्ति योजना में अलग से कनेक्शन कर रहे हैं, यानी पानी की चोरी कर रहे हैं. इस कारण योजना का लाभ सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंच रहा है. वहीं, घरों व खेतों में पहुंचने वाले पानी की चोरी के साथ लोग बर्बादी भी कर रहे है. राज्य में पाइपलाइन के जरिये लोगों तक शुद्ध जल पहुंचाया जा रहा है. इस पानी का सही तरीके से उपयोग किया जाये, इसके लिए सख्ती करने की योजना है.
शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक हो रही है बर्बादी
पीएचइडी ने हाल के दिनों में एक सर्वे किया है. जिसमें देखा गया है कि शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति लगभग 770 लीटर तक खर्च कर रहे हैं, जबकि मानक प्रति व्यक्ति 137 लीटर है यानी 633 लीटर पानी बर्बाद कर रहे हैं. इस रिपोर्ट को भी विभागीय अधिकारियों को सौंपा गया है, जहां इस रिपोर्ट पर दोबारा से जांच करने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक जिस तरह से लोग पानी बर्बाद कर रहे हैं. उसे देखते हुए हम कह सकते है कि गंगा के किनारे रहने के बाद भी पटना में जल्द ही ग्राउंड वाटर लेबर खत्म हो जायेगा.
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तय होगी जिम्मेदारी, अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
शहरी क्षेत्र में सप्लाइ वाटर को दिन भर खुला रखा जाता है. जहां टोटी खराब हो जाता है, तो उसे बदला नहीं जाता है. इस कारण से पानी की बर्बादी होती है. इसके लिए भी जिम्मेदारी तय होगी. इसके लिए अधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी.
ऐसे हो रही है पानी की चोरी व बर्बादी
– जलापूर्ति योजना में पाइपलाइन में कनेक्शन कर पंप लगाना या बीच में कहीं से कट कर पानी को लेना.
– नल- जल योजना में कनेक्शन को ब्रेक करने की कोशिश करने पर भी दर्ज होगा मामला.
– सिंचाई के लिए पानी को बर्बाद नहीं करें और योजना के तहत दी जाने वाले पानी की चाेरी नहीं करें.
Posted By :Thakur Shaktilochan