Fire In Patna : SHO ने गलत धारा में दर्ज की FIR, फटकार लगी तो 304A को बदल लगायी 304

एसएसपी के निर्देश के बाद डीएसपी ने थानेदार को लगाई फटकार तो बदली गयी धारा. 304ए में दो साल की सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 304 में 10 साल की सजा का प्रावधान है, दोनों धाराएं गैर इरादतन हत्या की हैं, सजा में अंतर .

By Anand Shekhar | April 27, 2024 5:40 AM
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Fire In Patna : पटना के पाल होटल और अमृत लॉज अग्निकांड में कोतवाली थाने में सदर सीओ द्वारा दर्ज करायी प्राथमिकी में गलत धारा लगाने का मामला सामने आया है. कोतवाली के थानेदार की इस लापरवाही की जानकारी जैसे ही एसएसपी राजीव मिश्रा को हुई, उन्होंने तुरंत डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद को धारा में बदलाव करने का निर्देश दिया. इसके बाद डीएसपी ने थानेदार को जमकर फटकार लगायी और धारा 304ए की जगह धारा 304 लगा दी. दरअसल, दर्ज प्राथमिकी में थानेदार ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था. गैर इरादतन हत्या में 304 और 304 ए धारा लगायी जाती है. लेकिन 304 ए में दो साल की सजा और धारा 304 में 10 साल की सजा का प्रावधान है.

दर्ज प्राथमिकी में दर्शायी गयी सात लापरवाही

पाल होटल, अमृत लॉज, बैटरी दुकान, रेस्टोरेंट और साइकिल गोदाम में आग लगने के बाद सदर सीओ रजनीकांत ने कोतवाली थाने में पाल होटल और अमृत लॉज के मालिक पर केस दर्ज कराया है. इसके अलावा अज्ञात को भी आरोपित बनाया गया है, जिनमें स्टाफ और मैनेजर को भी शामिल किया गया.

अग्निकांड होने के सात कारणों का जिक्र

प्राथमिकी में सीओ ने भीषण अग्निकांड होने के सात कारणों को दर्शाया है. सीओ ने कहा हैं कि होटल और लॉज में आने-जाने का एक ही रास्ता था, अन्य कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं था, भवन निर्माण के नियमों में घोर लापरवाही की गयी, स्वास्थ्य, सुरक्षा और फायर नियमों की अनदेखी की गयी. इसी वजह से आग लगी है और छह लोगों की मौत हो गयी है.

तत्कालीन कारण के बारे में बताया गया कि रसोई और निकास द्वार एक ही जगह थे, जिसके कारण आग का धुआं जल्दी फैला और निकले का मौका नहीं मिला. सीओ ने रसोइयों की लापरवाही और होटल मालिक की अव्यवस्था को दर्शाते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.

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