बिहार में शव से आंख निकाल लेने के मामले में पहली कार्रवाई, NMCH की 2 नर्सें सस्पेंड

NMCH: अस्पताल पर आरोप है कि शव की बाईं आंख निकाली गई और उस पर पट्टी बांध दी गई. मामला तूल पकड़ा तो जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया. इसके बाद इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही के आरोप में दो नर्सों को निलंबित कर दिया.

By Ashish Jha | November 18, 2024 8:46 AM

NMCH : पटना. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक मरीज के शव से आंख गायब होने के मामले में पहला बड़ा एक्शन लिया गया है. इस मामले में अस्पताल की दो नर्सों को सस्पेंड किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच करते हुए यह एक्शन लिया है. एक व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत के कुछ घंटों बाद उसकी एक आंख गायब पाई गई थी. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि शव की बाईं आंख निकाली गई और उस पर पट्टी बांध दी गई. मामला तूल पकड़ा तो जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया. इसके बाद इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही के आरोप में दो नर्सों को निलंबित कर दिया.

ड्यूटी पर थीं ये दोनों नर्सें

इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, “मामले की जांच उच्च स्तरीय समिति और पुलिस द्वारा की जा रही है, लेकिन प्रारंभिक जांच के आधार पर विभाग ने दो नर्सों को निलंबित करने का आदेश दिया है. ये नर्सें कथित घटना के समय ड्यूटी पर थीं. नर्सों की ओर से लापरवाही के कारण निलंबन का आदेश दिया गया है.” मंत्री ने नर्सों द्वारा कथित तौर पर की गई लापरवाही के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम और पुलिस द्वारा जांच पूरी होने दीजिए. वहीं दूसरी ओर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया, “दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है.”

क्या है पूरा मामला

फंटूश कुमार नाम के एक व्यक्ति को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी. इसके बाद उसे पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. शुक्रवार की रात इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. जब शव को देखा गया तो फंटूश की आंख गायब थी. इसके बाद हड़कंप मच गया. चिकित्सकों ने आंख कुतरने के लिए चूहों को दोषी ठहराया तो वहीं मृतक के परिवार के सदस्यों ने मामले में गड़बड़ी की आशंका जताई. उनका स्पष्ट आरोप था कि अस्पताल में मौत के बाद आंखें निकाली गयी हैं. अस्पताल प्रबंधन, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अपने अपने स्तर से इस मामले की जांच कर रहा है.

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