पटना में एम्स में हुआ पहला किडनी ट्रांसप्लांट, बच्चे की हालत स्थिर
AIIMS in Patna: एम्स दूसरा ऐसा सरकारी अस्पताल होगा जहां यह सुविधा मिलने जा रही है. एम्स के प्रभारी निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि प्रत्यारोपण के संबंध में एम्स द्वारा तीन दिन बाद रिपोर्ट जारी की जाएगी.
AIIMS in Patna: पटना. बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स अस्पताल में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों की मदद से पटना एम्स में ट्रांसप्लांट हुआ है. ट्रांसप्लांट के बाद बच्चे को सीसीयू में रखा गया है. वहां डॉक्टरों की टीम तीन दिनों तक उसकी हालत पर नजर रखेगी. सबकुछ सामान्य रहा तो ऑपरेशन सफल माना जाएगा. प्रत्यारोपण किसका हुआ, मरीज कहां का है, यह विवरण अभी जारी नहीं किया गया है.
3 लाख के खर्च पर होगा किडनी ट्रांस्प्लांट
एम्स में सिर्फ 3 लाख रुपये में किडनी ट्रांसप्लांट होगा. निजी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कराने में आठ से 10 लाख रुपये वसूले जाते हैं. वर्तमान में पूरे बिहार के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ आईजीआईएमएस में ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है. एम्स दूसरा ऐसा सरकारी अस्पताल होगा जहां यह सुविधा मिलने जा रही है. एम्स के प्रभारी निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि प्रत्यारोपण के संबंध में एम्स द्वारा तीन दिन बाद रिपोर्ट जारी की जाएगी.
सात डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
एम्स के सूत्रों के अनुसार यह ट्रांसप्लांट एक बच्चे का हुआ है. बच्चे की जान बचाने के लिए मां ने अपनी एक किडनी दान में दी है. ट्रांसप्लांट से पहले संस्थान को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत एम्स पटना को किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी मिल चुकी थी. पटना एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सात डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई थी. इन डॉक्टरों को पीजीआई चंडीगढ़ में ट्रेनिंग दी जा चुकी है. ट्रेनिंग पानेवाले डॉक्टरों में डॉ. कमलेश गुंजन, डॉ. विपिन चंद्रा, डॉ. अभ्युदय, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. उपासना के अलावा तीन एनेस्थेसिया विभाग के डॉक्टर शामिल हैं.
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