Fish Oil in Bihar: भागलपुर. बिहार में मछली पालन से जुड़े लोगों को आमदनी का एक और विकल्प मिलने जा रहा है. बिहार के भागलपुर में मछली से तेल निकालने की तैयारी चल रही है. भागलपुर के सन्हौला में मछली से तेल के उत्पादन की तैयारी की जा रही है. सन्हौला में ड्राई फिश को रोलिंग मिल में डालकर तेल निकाला जायेगा. भागलपुर में उत्पादित इस तेल में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा जानने के लिए कोच्चि स्थित सेंट्रल मैरिन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट की लैब को सैंपल भेजा गया है. साथ ही कॉलेज ऑफ फिशरीज, किशनगंज की लैब में भी इसपर शोध चल रहा है. अगले एक माह के अंदर दोनों जगहों से सैंपल की रिपोर्ट आने की उम्मीद है.
मछली के तेल में होता है ओमेगा 3 फैटी एसिड
मछली के तेल को लेकर कहा जाता है कि उस तेल ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. यह शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद करता है. इसके साथ मछली का तेल हृदय को भी सुरक्षा प्रदान करता है. आयुर्वेद के साथ-साथ एलोपैथ की दवाओं में भी इसका बड़े पैमाने पर उपयोग होता रहा है. बिहार में इसके उत्पादन से दवाओं के निर्माण में इसकी अधिकतम खपत होगी. भागलपुर के जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि मछली के तेल के सैंपल की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. रिपोर्ट आने पर इस तकनीक को बिहार के सभी जिलों में शेयर किया जाएगा, ताकि बिहार मछली तेल के उत्पादन में भी मुकाम हासिल कर सके.
रिपोर्ट आने के बाद बड़े पैमाने पर होगा उत्पादन
सन्हौला की मदारपुर पंचायत के अदलपुर गांव निवासी बताते हैं, “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिली राशि से फिश फीड तैयार करने के दौरान देखा कि तैलीय पदार्थ निकल रहा है. सूखी मछलियों से फिश फीड तैयार होता है. इसलिए ड्राई फिश को सरसों की तरह रोलिंग मिल में पेराई की युक्ति सोची और तेल निकालना शुरू किया. मछली की खल्ली को पीसकर उसका पाउडर निकाला गया. जिसे फिश फीड के रूप में उपयोग किया गया. तेल में मौजूद रासायनिक तत्वों की जानकारी का पता नहीं चल पाया है. तेल के सैम्पल को जांच के लिए लैब में भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जायेगा.
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