संवाददाता, पटना
मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना की अभिषद की 17वीं बैठक शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर के सभागार में हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मो आलमगीर ने कहा कि बिहार में मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. विश्वविद्यालय परिवार इसके लिए प्रतिबद्ध है. कुलपति ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय आगामी कुछ हफ्तों में सिलसिलेवार ढंग से पांच सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है. यह निःशुल्क पाठ्यक्रम पहले चरण में 10 मदरसों में शुरू किया जायेगा.वार्षिक बजट में छह करोड़ 78 लाख 65 हजार रुपये का अनुमोदन
इस सीनेट में विश्वविद्यालय के वार्षिक बजट (2025-26) कुल 36 करोड़ 78 लाख 65 हजार 764 को सीनेट सदस्यों ने सर्वसम्मति से अनुमोदित किया. इस अवसर पर सीनेट के सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये और विश्वविद्यालय के बहुमुखी विकास व विस्तार के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया. कुलपति ने कहा विश्वविद्यालय में नामांकन और परीक्षा की प्रक्रिया बिल्कुल नियमित हो चुकी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी आठ संकायों में पीएचडी के लिए दूसरे बैच की नामांकन प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है. कुलपति ने शिक्षा विभाग में लंबित नये पाठ्यक्रमों के प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की और अभिषद के सदस्यों से इस बारे में सरकार से उच्चस्तरीय स्तर पर हस्तक्षेप की मांग की. सीनेट की इस बैठक में पूर्व कुलपति प्रो शर्फे आलम एवं प्रो शम्सुजुहा, विधायक महबूब आलम, विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन, मुन्ना चौधरी, नथुनी खरवार, शाह जावेदी, डॉ खुर्शीद अनवर, हस्मत नौशाबा, अब्दुल कयूम अंसारी, डॉ असदुल्लाह खान, परवेज उर रहमान, मो सालेह, जफर इमाम, खालिद कमाल, माज आरफी व अन्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संकाय अध्यक्ष (मानविकी) डॉ मो एजाज आलम ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है