पुनपुन के प्रधान लिपिक समेत पांच कर्मियों को कार्य से किया निरस्त
पुनपुन नगर पंचायत में इन दिनों सामान खरीदारी में बरती गयी अनियमितता को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी व मुख्य पार्षद समेत अन्य पार्षदों से तकरार चल रहा है. इ
मसौढ़ी पुनपुन नगर पंचायत में इन दिनों सामान खरीदारी में बरती गयी अनियमितता को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी व मुख्य पार्षद समेत अन्य पार्षदों से तकरार चल रहा है. इसी बीच कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर पंचायत पुनपुन के प्रधान लिपिक समेत पांच कर्मियों को गलत नियुक्ति का हवाला देते हुए कार्य से निरस्त कर दिया है. कार्य से हटाये गये प्रधान लिपिक काॅलेश्वर ठाकुर के अलावे स्वच्छता निरीक्षक अमित कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर धीरेन्द्र कुमार, रोहित कुमार और आइटी ब्वॉय विकास कुमार के संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा निर्गत पत्र संख्या 3453 दिनांक 29 जून 2018 के निर्देश का हवाला देते हुए लिखा है कि निविदा के माध्यम से कार्यालय कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जानी थी. लेकिन वर्तमान में उपस्थित सारे कार्यालय कर्मियों की नियुक्ति बैठक द्वारा पूर्व में उपस्थित कार्यपालक पदाधिकारी व मुख्य पार्षद द्वारा की गयी है, जो नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन है.कार्यपालक पदाधिकारी ने इसके अलावे इन कर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं जिनमें मुख्य पार्षद और कर्मियों की मिलीभगत से संचिका के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ व बिना कार्यालय आदेश निर्गत हुए सारे कार्य किये जा रहे हैं. उन्होंने इसी तर्क को देते हुए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति इस आधार पर तात्कालिक प्रभाव से निरस्त करने का आदेश देते हुए इसकी कॉपी उन कर्मियों को उपलब्ध करा दी है. इधर, कार्य से निरस्त किये गये कर्मियों का कहना है कि बीते 19 नवंबर को ही विभाग के प्रधान सचिव का आदेश है कि कोई भी कर्मी को कार्य से हटाने या निरस्त करने के पहले अपना पक्ष रखने का मौका देना आवश्यक है, जो हमलोगों को नहीं दिया गया. इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी ऋचा प्रियदर्शनी ने बताया कि इनकी प्रतिनियुक्ति ही गलत थी, इस लिहाज से इनसे इनका पक्ष लेने का कोई औचित्य नहीं है. वहीं मुख्य पार्षद रितेश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोप को बेबुनियाद बताया और बताया कि जब हमलोगों ने सामान खरीदारी में बरती गयी अनियमितता का मामला उठाया है तो उसके बाद आनन फानन में इन कर्मियों को कार्य से निरस्त किया गया है. मुख्य पार्षद ने कहा कि हटाये गये सभी कर्मी उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे.
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