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बिहार में प्रति लाख जीएसटी में रजिस्टर्ड कंपनियों में पांच फर्जी

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद यह माना जाने लगा था कि कर चोरी रुक जायेगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. कर चोरी करने वाले कारोबारी तू डाल-डाल , मैं पात-पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए फर्जी फर्म व कंपनी बनाकर इनपुट टैक्स चोरी (आइटीसी) शुरू कर दी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 24, 2024 1:21 AM

राज्य की 30 फर्जी कंपनियों ने 148 करोड़ का लगाया चूना संवाददाता,पटना माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद यह माना जाने लगा था कि कर चोरी रुक जायेगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. कर चोरी करने वाले कारोबारी तू डाल-डाल , मैं पात-पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए फर्जी फर्म व कंपनी बनाकर इनपुट टैक्स चोरी (आइटीसी) शुरू कर दी. केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में जीएसटी में पंजीकृत प्रति लाख फर्म व कंपनियों में पांच फर्जी हैं.फिर भी यह आंकड़ा पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम है.पड़ोसी राज्य झारंखड,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में बिहार की तुलना में अधिक फर्जी फर्म हैं. दरअसल, पिछले साल सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता लगाने के लिए दो महीने का विशेष अभियान शुरू किया था.इसमें आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और राज्य सरकारों की एजेंसियां व कर विभाग भी शामिल थे. नकली बिल बनाने के लिए किया जाता था फर्म का इस्तेमाल इन फर्म व कंपनियों का इस्तेमाल नकली बिल बनाने के लिए किया जाता था, जिन्हें बाद में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए विभिन्न फर्म व कंपनियों को बेच दिया जाता था.देशभर में कुल 4,909 कारोबारी प्रतिष्ठान संदिग्ध पाये गये, जिनमें बिहार के 30, झारखंड के 11,उत्तर प्रदेश के 443 और पश्चिम बंगाल के 126 फर्म व कंपनियां थीं. फर्जी फर्म व कंपनी और इससे संबंधित कर चोरी राज्य फर्जी फर्म व कंपनियां कर चोरी प्रति लाख पंजीकृत फर्म व कंपनी में फर्जी संख्या करोड़ संख्या बिहार 30 148 05 झारखंड 23 110 11 उत्तर प्रदेश 443 1645 24 पश्चिम बंगाल 126 343 17

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