संवाददाता, पटना
इन सड़कों को बनाने में 1860 करोड़ रुपये सिविल कार्य पर खर्च होंगे. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के द्वारा भूमि अधिग्रहण और वन भूमि को लेकर लगभग 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एडीबी के नियम और शर्तों के अनुरूप इन पथ परियोजनाओं के प्रभावी क्षेत्र में लोगों के जीवन स्तर का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. इन परियोजनाओं को शुरू करने को लेकर एडीबी के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बीएसआरडीसीएल के पदाधिकारियों के साथ निविदा प्रक्रिया के संबंध में चर्चा की. साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने इन पथ परियोजनाओं का भ्रमण किया. इस दौरान छपरा-मांझी-दरौली-गुठनी रोड और आरा-एकौना-खैरा-सहार रोड में उन्होंने कई जगहों पर आम लोगों सहित महिला समूहों से भी बातचीत की. उन्होंने यह जानकारी ली कि सड़कों के चौड़ीकरण से क्षेत्र में विकास की गति में कैसे तेजी आयेगी. लोागें ने विभिन्न जगहों पर बस स्टैंड, नाला निर्माण और रोड सेफ्टी आदि का सुझाव दिया. एडीबी के इस प्रतिनिधमंडल में टीम लीडर एडन लूओ सहित भारत के प्रतिनिधि जागीर कुमार, जेंडर विशेषज्ञ गोविंद देवाई और दीपक पाढ़ी मौजूद थे.
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