पटना. गंडक नदी के निचले (जल ग्रहण क्षेत्र) इलाके में शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश की आशंका को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी किया है. बूढ़ी गंडक, सिकरहना और गंगा में पानी बढ़ रहा है. गंडक व बागमती नदियों के तटबंधों में रिसाव की सूचना है, जिन्हें दुरुस्त किया जा रहा है. वहीं, अधवारा नदी में उफान आने से गुरुवार को सीतामढ़ी-पुपरी पथ पर पानी चढ़ गया है. सूबे के 10 जिलों के 55 प्रखंडों की 282 पंचायतों की छह लाख 36 हजार की आबादी बाढ़ से जूझ रही है.
बाढ़ से बचाव के लिए एनडीआरएफ की 21 टीमें 12 जिलों में तैनात है. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रू डू ने बताया कि 147 सामुदायिक रसोई चलायी जा रही है, जिनमें 80 हजार से अधिक लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दरभंगा में 98 सामुदायिक रसोई चलायी जा रही. इसके अतिरिक्त 10 राहत शिविरों में चार हजार लोग रह रहे हैं.
कोसी, बागमती, कमला बलान, अधवारा व महानंदा खतरे के निशान से ऊपर
पटना. राज्य में विभिन्न नदियों के जल स्तर में गुरुवार को भी उतार-चढ़ाव जारी रहा. कोसी, बागमती, कमला बलान, अधवारा, महानंदा और घाघरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी नदी का जल स्तर खगड़िया जिले के बलतारा में खतरे के निशान से 184 सेंमी ऊपर था. गंडक नदी का जल स्तर रेवा घाट में सात सेंटीमीटर और गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से 150 सेंमी ऊपर था. इधर, गंगा नदी का जल स्तर पटना के दीघा घाट पर 48.09 मीटर था, जो 25 सेंमी बढ़ कर 48.34 मीटर हो गया. पटना के गांधी घाट पर 47.23 मीटर था, जिसमें 25 सेंमी की बढ़ोतरी हुई.
बेतिया-गोपालगंज महासेतु सुरक्षित : नंदकिशोर
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि बेतिया- गोपालगंज महासेतु सुरक्षित है. गंडक के पानी के दबाव से पुलिया का एप्रोच टूटा है. विभाग की टीम उसका मरम्मत कर रही है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को ही आवागमन बहाल करने की व्यवस्था की जा रही है.
सूबे के सभी तटबंध सुरक्षित : संजय कुमार झा
जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि जल संसाधन विभाग के सभी तटबंध सुरक्षित हैं. गंडक नदी से अभी रिकाॅर्ड साढ़े चार लाख क्यूसेक छोड़ा गया पानी क्रास कर रहा है. इससे कहीं-कहीं रिसाव की सूचना मिली है, जिसे विभाग के इंजीनियरों ने ठीक कर दिया है.