पटना : बाढ़ के कारण राज्य में 11 जिलों में 4.87 हेक्टेयर में फसलों का नुकसान हुआ है़ बाढ़ का पानी निकलने के बाद वास्तविक नुकसान का आकलन कर नुकसान की भरपाई आपदा प्रबंधन के तय मानकों के अनुसार की जायेगी़ गुरुवार को कृषि विभाग के सचिव डॉ एन सरवण ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य में साल भर के भीतर अल्पवृष्टि हो या अधिक वर्षा, किसानों के फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 1220 करोड़ की रकम उनके खाते में जमा की है. कृषि सचिव ने कहा कि कृषि विभाग की योजनाओं को डिजिटल कृषि के माध्यम से लाभ दिया जा रहा है़ इसके तहत खरीफ के 5.40 लाख किसानों को अनुदानित दर पर बीज वितरण का काम किया गया है़
कृषि सचिव ने बताया कि इस बार माॅनसून के समय पर आने से धान की रोपनी को लाभ पहुंचा है.33 लाख हेक्टेयर में धान की खेती है, जिसमें 90 प्रतिशत यानी 29.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपनी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि एक जून से 30 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 5.60 मिमी वर्षा की जगह 7.4 मिमी वर्षा हुई है. अधिक बारिश से 11 जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. कृषि सचिव ने बताया कि हर खेत को पानी मुहैया कराने के लिए प्लाॅट वाइज सर्वे का काम शुरू किया गया है. किस खेत को कहां से सिंचाई की सुविधा मिल रही है या कहां से पानी उपलब्ध कराया जायेगा, इसका आकलन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विभाग और अधिकारियों की तत्परता से राज्य को टिड्डी दल से कोई नुकसान नहीं हो पाया.
राज्य सरकार ने फसल सहायता योजना के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ा दी है़ सहकारिता विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार अब किसान 31 जुलाई के बदले 15 अगस्त तक अपना निबंधन करा सकेंगे. गुरुवार को सहकारिता विभाग की ओर जारी निर्देश के अनुसार अब राज्य के किसानों के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध विभिन्न सेवाओं में एक और सेवा आज से जोड़ दिया गया है.