Flood in Bihar: बिहार में बाढ़ के पानी में डूबने से छह की मौत, 14 जिले बाढ़ की चपेट में
Flood in Bihar उत्तर बिहार के मधुबनी,पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया व अररिया में डूबने से छह लोगों की मौत हो गयी.
पटना : उत्तर बिहार के मधुबनी,पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया व अररिया में डूबने से छह लोगों की मौत हो गयी. मधुबनी के पंडौल प्रखंड क्षेत्र की श्रीपुर हाटी मध्य पंचायत अंतर्गत नवहथ गांव में युवक की डूबने से मौत हो गयी.वहीं, पूर्वी चंपारण के बनकटवा प्रखंड क्षेत्र के निमोइया गांव में किशोरी का शव यमुनी नदी से गुरुवार को बरामद किया गया. पश्चिम चंपारण के रक्सौल प्रखंड क्षेत्र के हरदीया गांव के सिसवा बंगरी नदी में डूबने से युवक की मौत हो गयी है. इधर, पूर्णिया के कसबा प्रखंड की संझेली पंचायत के कदवा गांव में गुरुवार की सुबह सड़क के किनारे स्थित गहरे गड्ढे में डूबने से भाई-बहन की मौत हो गयी. वहीं, अररिया के भरगामा में साइकिल सवार नदी की धार में बह गया़
14 जिलों के लाखों लोग बाढ़ की चपेट में
सूबे के 14 जिलों की लाखों की आबादी बाढ़ की चपेट में हैं. मुजफ्फरपुर शहर के पास पानी आ गया. जीरोमाइल चौक से लेकर एसकेएमसीएच के पश्चिमी क्षेत्र व पुरानी मोतिहारी मेन रोड में कुछ जगहों पर पानी चढ़ गया है. वहीं, गोपालगंज के बरौली में बाढ़ पीड़ित स्टेशन पर शरण लिये हुए हैं. कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा और महानंदा नदियां गुरुवार को भी खतरे के निशान के पार रहीं. हालांकि, गुरुवार को भी गंगा नदी कहलगांव में खतरे के निशान से छह सेंमी ऊपर बह रही थी.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी नदी का जल स्तर खगड़िया जिले के बलतारा में 190 सेंमी व कुरसेला में 12 सेंटीमीटर खतरे निशान से ऊपर बह रही थी. वहीं, गंडक का जल स्तर गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से 134 सेंमी ऊपर था. बूढ़ी गंडक नदी लालबेगिया घाट में खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर, सिकंदरपुर में 138 सेंटीमीटर, समस्तीपुर रेल पुल के पास 222 सेंटीमीटर, रोसड़ा में 325 सेंमी और खगड़िया में खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी.
बागमती नदी ढेंग ब्रिज में 24 सेंमी, रुन्नीसैदपुर में 229 सेंटीमीटर, बेनीबाद में 93 सेंटीमीटर और हायाघाट में खतरे के निशान से 212 सेंमी ऊपर बह रही थी. कमला बलान का जल स्तर जयनगर में खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर ऊपर था. अधवारा समूह की नदियां भी खतरे के निशान के पार हैं.