Flood in Bihar: बिहार में आई बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. प्रदेश की नदियां इस समय जबरदस्त उफान पर है. बिहार के बड़ी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का दौर जारी है. प्रदेश की सभी छोटी बड़ी नदियों में तेजी से हो रही जलस्तर में वृद्धि का कारण नेपाल, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में हो रही बारिश बताया जा रहा है. इसलिए राज्य के 12 जिलों में अगले 72 घंटे तक बाढ़ से राहत की कोई संभावना नहीं है, इसके बाद ही नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे जाने की उम्मीद है. इस समय प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक नदियां पिछले चार दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यही नहीं गंगा जी भी अपने रौद्र रूप में है.
बिहार की ये नदियां ऊफान पर
नदियों में उफान को देखते हुए फरक्का बराज के साथ साथ इद्रपुरी और वीरपुर बराज के सारे गेट पूरी तरह खेल दिये गए हैं. गंगा के अलावा कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक, घाघरा, पुनपुन और सोन नदी का जलस्तर पिछले तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. पटना से फरक्का तक गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं भागलपुर शहर के कई इलाकों में पानी घुस गया है. सबौर-कहलगांव एनएच-80 पर घोषपुर के पास पानी बह रहा है. जानकारी के अनुसार बिहार के 12 जिलों के 61 प्रखंडों के 327 से अधिक ग्राम पंचायतों के लोगों पर पलायन का खतरा मंडरा रहा है.
यह 12 जिले बाढ़ से तबाह
पटना, बक्सर, भोजपुर, वैशाली, कटिहार, भागलपुर, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, समस्तीपुर, बेगूसराय और वैशाली जिले के गांव सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित है. इन जिलों के निचले इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है. इन ग्राम पंचायतों में लोगों के आवागमन के लिए 1280 नावें चलाई जा रही है. इसके साथ ही चिकित्सीय सहायता के लिए 18 बोट एंबुलेंस चलाई जा रही है.
विभिन्न जिलों में राहत शिविर लगाकर राशन, खाने पीने का सामग्री बांटे जा रहे है. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ पीड़ितों को पूरी सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से लगातार बाढ़ पीड़ितों की जानकारी ले रहे है. सीएम नीतीश कुमार ने सभी बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि नदी किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट रहें और सारी तैयारी रखें. उन्होंने कहा की सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है.