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कई पंचायतों में घुसा बाढ़ का पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी

रामनगर दियारा, रामनगर करारी कछार, उस्मानपुर, कल्याणपुर व बहादुरपुर पंचायत के विभिन्न क्षेत्रों में गंगा बाढ़ का पानी फैल गया. जिससे आम जनजीवन भी प्रभावित होने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2024 12:42 AM

प्रतिनिधि, अथमलगोला

अंचल क्षेत्र के रामनगर दियारा, रामनगर करारी कछार, उस्मानपुर, कल्याणपुर व बहादुरपुर पंचायत के विभिन्न क्षेत्रों में गंगा बाढ़ का पानी फैल गया. जिससे आम जनजीवन भी प्रभावित होने लगा है. फसल बर्बाद होने के साथ ही पशुओं के चारा का भी संकट उत्पन्न हो गया है. हालांकि अनुमंडल पदाधिकारी शुभम कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम लगातार क्षेत्र का भ्रमण कर स्थिति पर नजर बनाने के साथ ही युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है. सबनीमा इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर गंगा का पानी आ गया है. आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है. अंचलाधिकारी अर्पणा कुमारी ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए लालो कुंवर सबनिमा स्कूल व मध्य विद्यालय सबनीमा में सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गयी है. इधर स्थानीय विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू भी प्रभावित लोगों से मिलने पहुंचे.

नदियों का जल स्तर घटने से गांव से पानी निकलना शुरू :

मसौढ़ी. धनरूआ में पिछले दिनों कररूआ व भुतही नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से प्रखंड के 28 गांवों में नदी का पानी घुस गया था. हालांकि नदी का जलस्तर घटने के बाद गांव से भी पानी निकलना शुरू हो गया है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन अपनी ओर से तैयारी कर रखी है. धनरूआ प्रखंड में 14 तटबंधों को फिर से दुरुस्त किया गया है. वहीं 43 हजार बैग मंगवा कर सुरक्षित रखा गया है. 14 गांवों में राहत शिविर और 11 जगहों पर शरण स्थल बनाए गये हैं. इधर बीडीओ सीमा कुमारी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासन पूर्व से ही अलर्ट मोड में है.

मोकामा की कसहा पंचायत में बाढ़ पीड़ितों ने मुखिया को घेरा : मोकामा.

मोकामा के कसहा दियारा पंचायत में बाढ़ पीड़ितों ने शनिवार की सुबह मुखिया का घेराव किया. बाढ़ पीड़ितों ने मुखिया से राहत सामग्री की मांग की. पीड़ितों को चूड़ा और गुड़ मुहैया कराया गया. पीड़ितों ने सार्वजनिक स्थल पर भोजन का प्रबंध करने की मांग की है. पीड़ितों का कहना है कि ऊंचे स्थान पर सामान और मवेशी के साथ टिके हैं. भोजन बनाने के लिए जलावन और अन्य साधन उपलब्ध नहीं है. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि प्रखंड मुख्यालय में राहत शिविर बनाया गया है. वहां बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गयी है.

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