पटना. राज्य में नयी सरकार के गठन ने बाद 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट कर यह संदेश दे रही हैं कि उनके यहां सब ठीक है. शनिवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपने विधायकों के लिए भोज का इंतजाम किया. रविवार को संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर जदयू विधायक दल की बैठक बुलायी गयी है.
भाजपा बोध गया तो राजद ने तेजस्वी के घर बुलाये विधायक
उधर, भाजपा के विधायक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बोधगया में जुटे हैं. शनिवार को ही राजद ने भी तेजस्वी के आवास में विधायकों की बैठक बुलायी. कांग्रेस के विधायक पहले से ही हैदराबाद में डाले हुए हैं. सोमवार को विधानसभा में पूरे चाक चौबंद व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विश्वास का मत पेश करेंगे. मंत्री श्रवण कुमार ने दावा किया है कि सरकार विश्वास का मत हासिल करेगी. इस बीच सभी पार्टियों ने व्हीप जारी कर विधायकों को 12 फरवरी को सदन में मौजूद रहने को कहा है.
तेजस्वी के आवास पर चली महागठबंधन की बैठक, विधायक रातभर यहीं रुके
दूसरी ओर स्पीकर की कुर्सी बचाने तथा नयी सरकार के विश्वास मत के खिलाफ एकजुट होकर वोट करने के लिए राजद और वामदलों के विधायकों की शनिवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर बैठक हुई. यह बैठक शनिवार देर शाम तक जारी थी. सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद सभी विधायकों को तेजस्वी के आवास पर ही रुकने को कहा गया है. वे अब फ्लोर टेस्ट के दिन यानी सोमवार की सुबह तक तेजस्वी यादव के आवास में ही रहेंगे. सभी विधायकों के सामान धीरे-धीरे तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचा दिये गये. विधायकों ने अपने-अपने घरों से कंबल, कपड़ा और दवाइयां मंगायी है. साथ ही आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
सभी विधायकों के मोबाइल बंद
सभी विधायकों के मोबाइल बंद कर दिये गये हैं. राजद ने दावा किया है कि उसके सभी विधायक एकजुट हैं. हालांकि बैठक में दो विधायक कुमार सर्वजीत और नीलम देवी नहीं आ सकीं. दोनों ने नहीं आने का कारण बीमार होना बताया है. मालूम हो कि 12 फरवरी को नयी एनडीए सरकार के विश्वास मत पेश करने के पहले मौजूदा स्पीकर राजद के अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. मुख्यमंत्री को विश्वास मत हासिल करने के लिए सदन में 122 से अधिक विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. फिलहाल सदन में मांझी की पार्टी के चार विधायकों के समर्थन के साथ ही एनडीए के पक्ष में 128 विधायक एकजुट हैं.
श्रवण कुमार के यहां भोज में शामिल हुए जदयू के विधायक
शनिवार को मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर दोपहर के जदयू विधायकों के लिए भोज का इंतजाम किया गया था. इस दौरान जदयू के सभी विधायक एकजुट दिखे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थोड़ी देर के लिए वहां पहुंचे. इस भोज में विधायकों के अलावा पार्टी के सभी विधान पार्षद सहित अन्य नेता मौजूद थे. सभी ने एक स्वर में कहा कि सरकार 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी.
विधानसभा की सदस्य संख्या
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कुल विधायक :243
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बहुमत का जादुई आंकड़ा : 122
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एनडीए के पक्ष में : 128
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जदयू:45, भाजपा:78, मांझी के 04, निर्दलीय 01
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राजद :79, कांग्रेस-19, भाकपा माले-12, माकपा व भाकपा :04
सोमवार को गया से सीधे सदन पहुंचेंगे भाजपा के विधायक
बोधगया के महाबोधि रिसाेर्ट में प्रशिक्षण के लिए जमे भाजपा विधायक सोमवार को वहां से सीधे सदन पहुंचेंगे. गया में दो दिनों की ट्रेनिंग के लिए उन्हें रोका गया है. भाजपा के 78 विधायक हैं. पार्टी ने दावा किया है कि सभी विधायक वहां मौजूद हैं. बोधगया में शनिवार से शुरू भाजपा के विधायकों व एमएलसी के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर है. यह पहले से तय था कि पांच व छह फरवरी को शिविर लगाया जायेगा, पर किसी कारण से इसे 10 और 11 फरवरी को शिफ्ट किया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह एनडीए के साथ हैं. बिहार में दो पार्टी यानी भाजपा और जदयू के 123 विधायक हैं. मांझी का समर्थन प्राप्त है. फ्लोर टेस्ट के सवाल पर कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं.
हैदराबाद से आज आयेंगे कांग्रेस के विधायक
हैदराबाद में कैंप कर रहे कांग्रेस के 19 विधायक रविवार की देर शाम चाटर्ड प्लेन से पटना पहुंचेंगे. किसी भी संभावित टूट से उन्हें बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों को पहले दिल्ली फिर वहां से सीधे हैदराबाद बुला लिया गया था. फिलहाल पांच दिनाें से कांग्रेसी विधायक हैदराबाद में जमें हैं.
मांझी से मिले भाकपा माले नेता महबूब आलम
बजट सत्र आरंभ होने के दाे दिन पूर्व शनिवार को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मुलाकात की. मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि बैठक में कुछ भी राजनीतिक नहीं था. महबूब आलम ने कहा कि मांझी हमारे अभिभावक हैं, वरिष्ठ नेता हैं. इनसे हम नियमित रूप से मिलते रहते हैं. पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए मिलने आया और यह देखकर खुशी हुई कि अब वह ठीक हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या मांझी ने चाय पी, तो महबूब आलम ने कहा, हां, हमने चाय पी, हमने कॉफी भी पी. मांझी जोश में हैं और वह अच्छा खेल दिखायेंगे. उधर, हम के उपाध्यक्ष और विधायक अनिल कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी. विभिन्न दलों के नेता मांझी से मिलने आते रहते हैं. कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. हम राज्य में राजग और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के साथ बने रहने के मांझी के फैसले के साथ सौ प्रतिशत है.