पटना सहित पूरे बिहार को कुपोषण को मिटाने के लिए अब खाद्य सुरक्षा विभाग ने कमर कस ली है. आंगनबाड़ी से लेकर मिड डे मिल योजना के तहत स्कूली छात्रों को मिलने वाले भोजन व सरकारी राशन में अब अधिक पोषण वाले चावल, तेल, दूध अनिवार्य रूप से देने के निर्देश जारी किये गये हैं. इसको लेकर शुक्रवार को स्वास्थ्य सह खाद्य सुरक्षा आयुक्त के सिंथिल कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया.
पटना में आयोजित हुई इस बैठक में आइसीडीएस, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) व एमडीएम विभाग के एक-एक प्रतिनिधि को बुलाया गया था. वहीं फोर्टिफिकेशन के नोडल पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर संबंधित संस्थानों में फोर्टिफाइड चावल देना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा तेल व दूध पदार्थों में भी विटामिन ए व डी युक्त मिश्रण अनिवार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को यह जिम्मेदारी सौंप दी गयी है. अगर फोर्टिफाइड युक्त खाद्य सामग्रियों का सही समय पर वितरण नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी की जांच कर आगे की कार्रवाई भी की जायेगी.
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फोर्टिफिकेशन के नोडल पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि फूड फोर्टिफिकेशन चावल, दूध, नमक, आटा जैसे खाद्य पदार्थों में आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए एवं डी जैसे प्रमुख खनिज पदार्थ एवं विटामिन जोड़ने या बढ़ाने की प्रक्रिया को कहा जाता है. फोर्टिफाइड चावल आयरन और विटामिन से युक्त होता है. इस चावल में विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी12, आयरन, फोलिक एसिड और जिंक जैसे सभी पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. इस चावल के उपयोग से लोगों की डायट में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की पूर्ति होती है और यह कुपोषण को नियंत्रण करने में भी काफी हद तक मददगार है.