बिहार में सड़क दुर्घटना कम करने की शुरू हुई कवायद, बनाए जाएंगे फुटओवर ब्रिज
पहले देश में एनएच पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में बिहार की हिस्सेदारी 3.3 फीसदी थी जो बढ़कर 3.5 फीसदी हो गई है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में बिहार में 10 हजार सात सड़क दुर्घटनाएं हुई थी
पैदल पार करने के दौरान होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पटना सहित राज्य के विभिन्न शहरों में फुटओवर ब्रिज बनाए जायेंगे. परिवहन विभाग एफओबी बनाने के लिए स्थलों की पहचान करेगा. जबकि पथ निर्माण विभाग की ओर से एफओबी का निर्माण कराया जायेगा. राज्य में गाड़ी चलाने के अलावा पैदल पार करते समय भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही है.
दुर्घटनाओं में होने वाली मौत में बिहार नौवें पायदान पर
पहले देश में एनएच पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में बिहार की हिस्सेदारी 3.3 फीसदी थी जो बढ़कर 3.5 फीसदी हो गई है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में बिहार में 10 हजार सात सड़क दुर्घटनाएं हुई थी जो कोरोना काल वाले वर्ष 2020 में मात्र 8639 सड़क दुर्घटनाएं ही हुई. लेकिन साल 2019 में बिहार दुर्घटनाओं के मामले में देश में 16वें पायदान पर था जबकि 2020 में बिहार 15वें पायदान पर आ गया. दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के मामले में बिहार देश में नौवें पायदान पर है.
सबसे अधिक हादसे एनएचएआई की सड़कों पर
बिहार में सबसे अधिक हादसे एनएचएआई की सड़कों पर हो रहे हैं. 1611 सड़क दुर्घटनाओं में 1312 की मौत हो गयी. इसमें तेज रफ्तार के कारण 518 हादसे हुए और इसमें 412 लोगों की मौत हुई. कोरोना काल में कई महीने तक गाड़ियों के परिचालन पर मनाही थी. इस कारण उस वर्ष पैदल चलने वालों की अधिक मौत हो गई. पैदल चलने वालों में 3141 लोग हादसे के शिकार हुए जिसमें 2649 लोगों की मौत हो गयी. दो पहिया चालकों में 2890 लोग हादसे के शिकार हुए जिसमें 2387 लोगों की मौत हो गयी.
प्रमुख शहरों में एफओबी बनाने के लिए स्थल चिह्नित किए जाएंगे
इसे देखते हुए विभाग ने तय किया है कि पटना सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों में एफओबी बनाने के लिए स्थल चिह्नित किए जाये. खासकर वैसी सड़कें जहां से आम लोगों का आना-जाना यानी सड़क पार करने की मजबूरी है, और वहां दुर्घटनाएं हो रही है. वैसे स्थलों की पहचान की जायेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में ऐसे दर्जनों स्थल हैं जहां एफओबी की नितांत आवश्यकता है.
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नगर विकास विभाग की भी सहायता ली जायेगी
स्थल चिह्नित करने के बाद पथ निर्माण विभाग की ओर से एफओबी बनाए जाएंगे. जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया जाएगा कि सामाजिक दायित्व के तहत सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों से एफओबी का निर्माण किया जाये. इस काम में नगर विकास विभाग की भी सहायता ली जायेगी.