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Patna : नीट में सेटिंग के लिए अभ्यर्थियों नहीं, अभिभावकों से होती थी डील

परीक्षा माफिया नीट यूजी में सेटिंग की डील परीक्षार्थी से नहीं, बल्कि उनके माता-पिता से करते थे. ऐसा इसलिए कि इसमें लाखों रुपये की डिमांड होती थी, जिसे केवल उसके माता-पिता ही दे सकते थे.

सेटर नीतीश बीपीएससी मामले में भी इसी साल गया था जेल

संवाददाता, पटनापटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार 13 आरोपितों में छह लोगों को पुलिस ने प्राथमिकी अभियुक्त बनाया है, जबकि सात लोगों अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया है. मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपितों में शामिल गया निवासी सेटर नीतीश कुमार को इओयू ने इसी साल बीपीएससी परीक्षा में धांधली के आरोप में जेल भेजा था. हैरत की बात कि इसी साल जेल जाने के बाद तुरंत वह जेल से बाहर आ गया और नीट में फर्जीवाड़े की तैयारी शुरू कर दी. शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने आरोपितों पर धारा 407,408,409 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पटना पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के लिए 15 दिनों का रिमांड कोर्ट से मांगा है. इसके लिए आवेदन भी दिया गया है. पुलिस इस मामले में सभी सेटरों के खाते को खंगाला जा रहा है. कब, कौन और कितना रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है इसकी भी जांच की जा रही है. सूत्रों के अनुसार सभी सेटर वाट्सएप ग्रुप से जुड़े थे. इसमें कई छात्रों के नाम आये, जिनके परीक्षा संबंधित कागजात, सर्टिफिकेट आदि भी मिले हैं. पुलिस ने सभी के मोबाइल को जब्त कर उसके डाटा को खंगाल रही है. दरअसल, जिन छात्रों से सेटरों ने डील किया था, उसके माता-पिता भी संपर्क में थे. कब, कहां और क्या करना है, ये सारी जानकारी परीक्षार्थी के माता-पिता को भी दी गयी थी. सेटरों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे नीट यूजी की डील परीक्षार्थी से नहीं, बल्कि उनके माता-पिता से करते थे. यह इसलिए कि इसमें लाखों रुपये की डिमांड होती थी, जिसे केवल उसके माता-पिता ही दे सकते थे.

नालंदा का सरगना, कई हॉस्टल के नाम भी आये

सूत्र ने बताया कि इस पूरे खेल में नालंदा का सरगना शामिल है. यह पूर्व के एक बड़े सेटर का चेला है. वहीं, इसमें पटना के बड़े हॉस्टलों के पुराने छात्रों के नाम भी सामने आये हैं. बताया जा रहा है कि इस गिरोह में और कई लोगों के नाम सामने आये हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. करीब 20 से अधिक ऐसे शातिर हैं, जो अब भी पुलिस के गिरफ्त से फरार है.

मेडिकल कॉलेजों के टॉपर को देते हैं प्रलोभन

सूत्र ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य बिहार और बिहार से बाहर के मेडिकल कॉलेजों के टॉपरों की तलाश करते हैं, जिसे रूस्तम नाम से पुकारा जाता है. रूस्तम यानी मुन्नाभाई को पास कराने वाला. इसके लिए सेटर स्कॉलर को पांच से 10 लाख रुपये तक देते हैं. जांच में कई मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के नाम भी सामने आ रहे हैं. जो मोबाइल बरामद हुए हैं, उनमें कई राज्यों के बड़े मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के भी नंबर हैं.

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