Bihar News: पहली बार पूरे राज्य में 16 फरवरी से हो रही पक्षियों की गणना, मार्च में आयेगी रिपोर्ट

बिहार में पहली बार पक्षियों की गणना हो रही है. 12 और 13 फरवरी को इसका रिहर्सल किया गया. साथ ही 16 फरवरी से गणना की शुरुआत हुई. सूत्रों के अनुसार इससे पहले राज्य के एक या दो जिलों में पक्षियों की संख्या का आकलन वेटलैंड इंटरनेशनल संस्था करती थी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 27, 2022 9:24 AM

पटना. राज्य में पहली बार पक्षियों की गणना हो रही है. इसमें देसी पक्षियों के साथ-साथ हर साल आने वाले विदेशी पक्षी भी शामिल हैं. इस गणना की रिपोर्ट अगले महीने आने की संभावना है. इसके बाद राज्य में अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों के संख्या की जानकारी मिल सकेगी. यह गणना वेटलैंड इंटरनेशनल संस्था के सहयोग से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग करवा रहा है. इस संबंध में योजना बनाने के लिए बैठक जनवरी 2022 में शुरू हो गयी थी, इसमें कई संस्थानों के पक्षी विशेषज्ञ जुड़े. इसके बाद ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था बना कर कार्ययोजना तैयार हो गयी.

16 फरवरी से गणना हुई है शुरू

12 और 13 फरवरी को इसका रिहर्सल किया गया. साथ ही 16 फरवरी से गणना की शुरुआत हुई. सूत्रों के अनुसार इससे पहले राज्य के एक या दो जिलों में पक्षियों की संख्या का आकलन वेटलैंड इंटरनेशनल संस्था करती थी. उससे बिहार में पक्षियों के आंकड़ों और उनकी अलग-अलग प्रजातियों की सही संख्या की जानकारी नहीं मिलती थी. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में पक्षियों की जनगणना करवाने का निर्णय लिया है. यह जनगणना राज्य के करीब 30 जिलों में स्थित करीब 58 वेटलैंड्स और उसके आसपास के इलाकों में हो रही है. इसमें राज्य के पांच बड़े पक्षी अभ्यारण्य भी शामिल हैं.

ये वेटलैंड्स हैं शामिल…

जमुई जिले का नागी और नकटी, वैशाली का बरेला, बेगूसराय जिले में कांवर, दरभंगा का कुशेश्वरस्थान, मुजफ्फरपुर जिले में मोती झील, पश्चिम चंपारण स्थित उदयपुर का सरैयामन, पश्चिम चंपारण में गौतम बुद्ध पक्षी अभ्यारण्य विहार, बांका में ओढ़नी डैम, मुंगेर जिले में खड़गपुर व कुकुरझार, राजगीर का पुष्करणी तालाब और ऑर्डिनेंस फैक्टरी, सुपौल में कोसी का पूरा दियारा, कटिहार का गोगाबिल, भागलपुर में जगतपुर और विक्रमशिला का इलाका सहित सहरसा और अररिया जिले शामिल हैं.

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