सरकारी आवास में बम मारकर विधायक की हुई थी हत्या, सजायाफ्ता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की सजा बरकरार, भतीजा बरी
रांची: मशरक के विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाई दीनानाथ सिंह को झारखंड हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार के खंडपीठ ने प्रभुनाथ सिंह व दीनानाथ सिंह को अशोक सिंह की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप को मानते हुए अपील खारिज कर दी. वहीं, पूर्व सांसद के भतीजा रितेश सिंह को खंडपीठ ने मामले में बरी करने का फैसला सुनाया.
रांची: मशरक के विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाई दीनानाथ सिंह को झारखंड हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार के खंडपीठ ने प्रभुनाथ सिंह व दीनानाथ सिंह को अशोक सिंह की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप को मानते हुए अपील खारिज कर दी. वहीं, पूर्व सांसद के भतीजा रितेश सिंह को खंडपीठ ने मामले में बरी करने का फैसला सुनाया.
खंडपीठ ने खारिज की अपील याचिका
न्यायाधीशों ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उक्त फैसला सुनाया. पूर्व में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने बताया कि पूर्व सांसद व उनके भाई की अपील याचिका को खंडपीठ ने खारिज कर दिया, जबकि उनके भतीजे को बरी कर दिया है.
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निचले कोर्ट ने सुनायी थी उम्रकैद की सजा
इस मामले में प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह व भतीजा रितेश को 18 मई, 2017 को हजारीबाग के अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनायी थी. सभी दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था.
विधायक आवास में ही बम मार कर हुई थी हत्या
जनता दल के तत्कालीन नेता व मशरक के विधायक अशोक सिंह की हत्या तीन जुलाई, 1995 को पटना के सरकारी आवास में दिनदहाड़े बम मार कर दी गयी थी. विधायक निर्वाचित होने के ठीक 90वें दिन उनकी हत्या हुई थी. राजद नेता प्रभुनाथ सिंह पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने ही हत्या की यह डेडलाइन तय की थी.मृत अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी ने पटना के गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya