भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के स्थापना दिवस
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् ने बुधवार को अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया. तारामंडल के प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. इसकी शुरुआत लेखिका ममता मेहरोत्रा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी व आइसीसीआर की क्षेत्रीय निदेशक ताविशी बहल पांडे ने किया.
– कथक नर्तक राजीव रंजन ने दी मनमोहक प्रस्तुति
पटना. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् ने बुधवार को अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया. तारामंडल के प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. इसकी शुरुआत लेखिका ममता मेहरोत्रा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी व आइसीसीआर की क्षेत्रीय निदेशक ताविशी बहल पांडे ने किया. वक्ताओं ने बताया कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की स्थापना के कई उद्देश्यों में से एक उद्देश्य भारत के विदेशी सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियां और कार्यक्रम तैयार करना, उनके कार्यान्वयन में भागीदारी करना, भारत व अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और परंपरा को बढ़ावा देना है. सांस्कृतिक कार्यक्रम से पूर्व इस मौके पर बिहार में पढ़ रहे है आइसीसीआर छात्रवृत्ति योजना के तहत विभिन्न देशों के विदेशी छात्र-छात्राओं ने बिहार संग्रहालय का भ्रमण किया. जहां छात्राओं ने बिहार के गौरवशाली इतिहास के बारे में जाना. उन्होंने विभिन्न गैलरियों का भ्रमण किया और उनसे जुड़ी जानकारी प्राप्त की.
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प्रस्तुतियों ने बांधा समां : इसके बाद तारामंडल के प्रेक्षागृह में कथक नर्तक राजीव रंजन ने अपनी प्रस्तुति दी. उन्होंने सबसे पहले चार ताल में रचित शिव वंदना फिर पारंपरिक कथक नृत्य जिसमें –उपज, ठाट, आमद , परण आमद, तोड़ा, टुकड़ा, तिहाई परण, चक्करदार परण, चक्करदार तोड़ा, तिहाई, गत निकास की प्रस्तुति दी. राजीव अपने कार्यक्रम का समापन तबला और घुंघरू की जुगलबंदी से की. संगत कलाकार की भूमिका में तबले पर शांतनु रॉय गायन एवं हारमोनियम पर डॉ जितेंद्र कुमार पाठक और सारंगी पर अंकित मिश्रा थे.