संवाददाता, पटना विभाग के विजन-2030 में राज्य के किसी भी हिस्से को 50 किमी के भीतर किसी न किसी फोरलेन हाइवे तक पहुंच सुनिश्चित कराने की योजना है. हर डिवीजन में फुटब्रिज, जगह-जगह पर जेब्रा क्रॉसिंग तथा दृष्टिबाधित राहगीरों के लिए रेज्ड रोड मार्किंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जगह-जगह पर सड़क सुरक्षा मैसेज के साथ गैंट्री साइनबोर्ड भी लगाये जायेंगे. यह बातें उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय सभाकक्ष में आयोजित विभाग के योजनाओं की समीक्षा बैठक के बाद कहीं. श्री सिन्हा ने बताया कि बैठक में केंद्र सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाने पर भी बल दिया गया. विभाग के एनएच उपभाग को तय समय-सीमा के भीतर काम पूरा कराने के लिए मुख्य अभियंता स्तर पर साप्ताहिक मॉनीटरिंग का निर्देश दिया गया है. हम इस व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ करने के लिए ‘मॉनीटरिंग एप’ भी विकसित करेंगे ताकि वरीय अभियंताओं के क्षेत्र भ्रमण का रिकॉर्ड और रियल टाइम प्रगति अपडेट मुख्यालय को मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि विभाग की मॉनीटरिंग प्रणाली को बेहतर बनाने, विभाग के उपभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाने और सुरक्षित संपर्कता से जुड़े कई अहम निर्णय भी लिए गए. 9710 करोड़ की परियोजनाओं पर काम : बैठक के बारे में जानकारी देते हुए श्री सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पथ निर्माण विभाग द्वारा 9710 करोड़ की परियोजनाओं का काम होना है. इसमें विकसित बिहार के लक्ष्य के साथ करीब 6650 करोड़ रुपए की परियोजनाएं चल रही हैं. इनके अतिरिक्त करीब 2000 करोड़ की योजनाएं निविदा के चरण में हैं और 1060 करोड़ रुपए की योजनाएं एकरारनामा के स्तर पर हैं. विभागीय कार्यों को सुसंगत बनाने के लिए हम यांत्रिक उपभाग को पुनर्गठित करने पर विचार कर रहे हैं ताकि अभियंताओं के अनुभव और कार्यक्षमता का लाभ लिया जा सके.
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