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दूसरी समय सीमा भी पार, अब भी खुले हैं चार हजार मैनहोल व कैचपिट

सेकेंड टाइमलाइन भी पार कर गयी पर अब तक एक तिहाई भी खुले मैनहोल नहीं ढके गये. दो माह पहले पटना नगर निगम द्वारा हुए सर्वे में शहर में 6200 मैनहोल, कैचपिट और आरसीसी कवर खुले हुए पाये गये थे.

अनुपम कुमार, पटना

सेकेंड टाइमलाइन भी पार कर गयी पर अब तक एक तिहाई भी खुले मैनहोल नहीं ढके गये. दो माह पहले पटना नगर निगम द्वारा हुए सर्वे में शहर में 6200 मैनहोल, कैचपिट और आरसीसी कवर खुले हुए पाये गये थे. इनमें से अधिकतर के ढक्कन या स्लैब टूट गये थे, जबकि कुछ जगह मैनहोल चेंबर की दीवार ही टूट गयी थी.

इन सबको लगभग पांच करोड़ खर्च करके बनाने और शहर को पूरी तरह ओपन मैनहोल फ्री करने की योजना नगर निगम ने बनायी. इसके लिए प्रति वार्ड तीन लाख के हिसाब से शहर के 75 वार्डों को कुल 2.25 करोड़ की राशि भेज भी दी गयी और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने 15 अगस्त तक शहर को ओपन मैनहोल फ्री करने का लक्ष्य निर्धारित किया. लेकिन काम की धीमी रफ्तार के कारण इस लक्ष्य को 15 अगस्त तक नहीं हासिल किया जा सका और टाइम लाइन को बढ़ा कर 31 अगस्त किया गया. लेकिन 31 अगस्त तक भी चार हजार से अधिक मैनहोल और कैचपिट खुले हुए थे और लगभग एक तिहाई खुले और टूटे मैनहोल व कैचपिट को ही ढका जा सका था. इसे देखते हुए टाइमलाइन को एक बार फिर बढाया गया है और सितंबर महीने के अंत तक इसे पूरा कर लेने का दावा किया गया है. इस अवधि में इसे पूरा करने का प्रयास होगा. कई अंचलों में मैनहोल और कैचपिट को ढालने का काम अभी प्रारंभिक चरण में ही है. कंकड़बाग में अब तक 1346 क्षतिग्रस्त मैनहोल ढक्कन में से महज 319 कास्ट किये गये है. इसी तरह बॉक्स नाला के कुल 602 मीटर क्षतिग्रस्त स्लैब में से 10 मीटर ही ढाला जा सका है. 162 क्षतिग्रस्त स्लैब में से एक भी ढाला नहीं जा सका है. पटना सिटी अंचल में आठ वार्डों में से पांच वार्डों में सिंगल टेंडर या अन्य वजह से मैनहोल, कैचपिट और आरसीसी कवर ढलाई पूरा नहीं हो सका है. 334 कैचपिट में से महज 57 को ढालने का काम पूरा हुआ है, जबकि 150 में चल रहा है. इसी तरह 57 मैनहोल में से 28 को ढालने का काम शुरू हुआ है. 519 में से 72 आरसीसी कवर को ढालने का काम शुरू हुआ है. नूतन राजधानी अंचल में 901 में से 627 जबकि पाटलिपुत्रा अंचल में 1269 में से 282 मैनहोल को ढका गया है. जरूरत को देखते हुए ढाले जा रहे ढक्कन

नगर आयुक्त ने कहा कि एक बार जब हम शहर को ओपन

मैनहोल फ्री कर देंगे, तो उसके बाद टूटने वाले चेंबरों के ढक्कन को बदलने में देरी नहीं हो, इसके लिए हर अंचल और वार्ड में कुछ अतिरिक्त ढक्कन भी ढाले जा रहे हैं. इससे भारी वाहन आदि के गुजरने या अन्य वजहों से इनके टूटने के साथ ही तुरंत बदला जा सकेगा और शहर को ओपन मैनहोल फ्री बनाये रखा जा सकेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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