Cyber Crime: पटना. बिहार में साइबर अपराध की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसके लिए जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रोजाना 5 से साढ़े 5 हजार कॉल आ रही हैं. इसमें 85 फीसदी कॉल वित्तीय जालसाजी से जुड़े होते हैं. इनमें सबसे अधिक शिकायतें एटीएम से, बैंक एकाउंट से, पासवर्ड या ओटीपी पूछकर ऑनलाइन तरीके से फ्रॉड करने के होते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर ब्लैकमेल करने, सोशल मीडिया एकाउंट पर अश्लील फोटो डालकर परेशान करने जैसे मामले आते हैं.
1930 पर आनेवाली कॉल में बिहार पहले नंबर पर
1930 पर आनेवाली कॉल का उत्तर देने के मामले में बिहार का देश में पहला स्थान है. साथ ही साइबर अपराध से संबंधित राशि को होल्ड कराने में बिहार पांचवें स्थान पर है. साइबर फ्रॉड में संदिग्ध 13 हजार 403 मोबाइल नंबर और 4 हजार 804 आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी) को ब्लॉक कराया गया है. इन मामलों से निपटने के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के तहत काम करनेवाली साइबर इकाई निगरानी करने से लेकर हर अहम चरण पर साइबर थानों को ऐसे मामलों के निपटारे या जांच में मार्गदर्शन देती है.
साइबर मामले में ये जिले हैं हॉट स्पॉट
बिहार के सभी जिलों में मौजूद 44 साइबर थानों में इस वर्ष अक्टूबर तक 5 हजार 187 मामले दर्ज हुए, जिसमें 571 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. बिहार में साइबर अपराध के लिए चिन्हित सबसे हॉट स्पॉट जिलों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. इनमें पटना, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, जमुई, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, सीतामढ़ी, वैशाली और मुजफ्फरपुर शामिल हैं. इन जिलों में संगठित गिरोह के तौर पर साइबर अपराधी सक्रिय हैं. इन सभी की पहचान कर इनके खिलाफ संबंधित जिलों के साइबर थानों के स्तर से कार्रवाई की जा रही है.
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