Ganga Bath in Simaria: पटना. मौनी अमावस्या के मौके पर बुधवार को परमसलीला भागीरथी के उत्तरायणी गंगातट सिमरियाधाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. भीड़ के कारण सुबह से ही राजेंद्र सेतु पर जाम लगा हुआ है. हर कोई बुधवार को गंगा में एक डूबकी लगाने को आतुर दिख रहा है. कि करब जप-तप योग ध्याने, जनम कृतारथ एकहिं स्नाने की अवधारणा साकार होती दिख रही है. बुधवार की अहले सुबह से ही हर हर गंगे के जयघोष के साथ गंगा तट पर लोगों का आना शुरू हो चुका है. गंगा में एक डुबकी लगाने का सिलसिला जो अहले सुबह से शुरू हुआ है उसके देर शाम तक जारी रहने की उम्मीद है.
भक्ति गीतों के बीच गंगा तट पर पहुंच रहा लोगों का रैला
बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे.. हे गंगा मैया तोरा पियरी चढ़ैइबो, जो मनसा पुरइहियें हमार या फिर ऐसो बोलिया बोलियह गंगा मैया, तोर बोलिया-बोलिया होतै शलक मान तोर बोलिया शरीके… गीतों के बीच सिमरियाधाम गंगातट पर लोगों का रैला आता-जाता रहा. तू पार करना नइया मोर गंगा मइया की जयकारा लगाते हुए श्रद्धालुओं ने गंगास्नान के बाद गंगा की स्तुति व आरती की व उसके बाद दीपदान किया.
आज के दिन गंगा स्नान परम फलदायी
पंडित दयानंद झा कहते हैं कि यों तो किसी भी दिन गंगास्नान से मनुष्य के सारे कायिक, वाचिक पाप प ताप का शमन होता है. वहीं मौनी अमावस्या पर गंगास्नान असीम फलदायी होता है. मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान तथा भगवान शिव व माता के पार्वती के पूजन से मनुष्य के सारी इच्छा की सिद्धि होती है. गंगास्नान के बाद गंगातट स्थित शिव मंदिरों में मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव की पूजा अर्चना भी की जाती है.वो कहते हैं कि सिमरिया में मनोकामनाओं के पूर्ण होने पर लोग मौनी अमावस्या के दिन मां गंगा को पाठी (बकरी) भी चढ़ाते हैं.
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