पटना का मरीन ड्राइव होगा विकसित, खुलेंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मॉल और म्यूजियम, तेजस्वी ने की समीक्षा

मरीन ड्राइव के नाम से अभी मशहूर गंगा पथ को रिवर फ्रंट के रूप में सरकार विकसित करेगी. यहां सरकार गंगा रिवर फ़्रंट पर स्टेडियम, मॉल, कल्चरल व रिक्रिएशनल सेंटर, म्यूजियम, पार्किंग, पार्क, वाटर स्पोर्टस एक्टिविटी तथा साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण कराएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2023 6:08 PM
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पटना में गंगा किनारे बने मरीन ड्राइव को सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करेगी. यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई ऐसी चीजें बनेगी, जिसका लुत्फ यहां पहुंचने वाले लोग बड़े आनंद के साथ उठा सकेंगे. इसे लेकर राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने रविवार को फिर से समीक्षा बैठक की. इस फॉलोअप मीटिंग में कई चीजों पर विस्तृत चर्चा हुआ साथ ही डिजिटल माध्यम से प्रोजेक्ट के बारे में प्रेजेंटेशन भी हुई.

मरीन ड्राइव होगा विकसित

सरकार गंगा रिवर फ़्रंट पर स्टेडियम, मॉल, कल्चरल व रिक्रिएशनल सेंटर, म्यूजियम, पार्किंग, पार्क, वाटर स्पोर्टस एक्टिविटी तथा साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण कराएगी. इन सुविधायों के विकसित हो जाने के बाद राज्य के लोगों को वाटर स्पोर्टस का लुफ्त लेने के लिए गोवा और अंडमान नहीं जाना पड़ेगा. मरीन ड्राइव के लिए बनी विकास की योजना पथ निर्माण, नगर विकास व आवास और पर्यटन विभाग की हो सकती है. इसमें दो बड़े स्टेडियम भी बनाये जा सकते हैं, जिनमें से एक क्रिकेट और एक फुटबॉल का हो सकता है.


20 घाटों के निर्माण की थी योजना

छुट्टियों के दिन यहां इतनी भीड़ उमड़ती है कि मेले-सा नजारा रहता है. लोगों की इसी बढ़ती भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किये जाने की योजना है. शुरु में पार्किंग प्लेस और कई जगहों पर सेल्फी प्वाइंट बनाये जायेंगे. इसके साथ राजधानी रिवर फ्रंट डेवेलपमेंट परियोजना के तहत शहर में 20 घाटों के निर्माण की योजना थी. इनमें से 16 को पूरा कर लिया गया है. रिवर फ्रंट का विकास पटना लॉ कॉलेज घाट से आगे तक हो चुका है.

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नीतीश कुमार ने 2013 में किया था शिलान्यास

दीघा से दीदारगंज तक बन रहे गंगा पथ की कुल लंबाई 20.5 किमी है. इसका पहला चरण दीघा से पीएमसीएच तक पूरा हो चुका है. यह भाग 7.4 किमी लंबा है, जिसमें से 6.5 किमी सड़क का निर्माण बांध बना कर किया गया है. 2011 में गंगा पथ बनाने का प्रस्ताव सरकार ने पास किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में इसका शिलान्यास किया था.

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