नहाने योग्य बनेंगी गंगा, पुनपुन, सिरसिया, हरबौरा, रामरेखा और परमार नदियां

राज्य में गंगा, पुनपुन, सिरसिया, हरबौरा, रामरेखा और परमार नदियां स्वच्छ होंगी. इसके लिए एनजीटी के आदेश पर गुरुवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की और कार्ययोजना तैयार की.

By Prabhat Khabar News Desk | May 10, 2024 1:41 AM

– एनजीटी के आदेश पर पर्यावरण विभाग ने अन्य विभागों के साथ बैठक कर नदियों को प्रदूषणमुक्त कर, नहाने योग्य बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की संवाददाता, पटना राज्य में गंगा, पुनपुन, सिरसिया, हरबौरा, रामरेखा और परमार नदियां स्वच्छ होंगी. इसके लिए एनजीटी के आदेश पर गुरुवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की और कार्ययोजना तैयार की. वंदना प्रेयषी की अध्यक्षता में ””””नदी पुनरुद्धार समिति”””” की अरण्य भवन में आयोजित इस बैठक में यह चर्चा हुई कि सिरसिया नदी के प्रदूषण का मूल कारण नेपाल क्षेत्र से है. इसके प्रदूषण निवारण और नियंत्रण के लिए भारत सरकार के स्तर से फिर से नेपाल से पहल करने के लिए अनुरोध करने का निर्णय लिया गया. दरअसल, सभी छह नदियों को प्रदूषणमुक्त करने और उनको नहाने योग्य बनाने के लिए सात विभाग और केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण की सहयोग से कार्ययोजना पर काम होना है. इसे लेकर 20 सितंबर 2018 को एनजीटी ने आदेश पारित कर समिति बनाने और कार्ययोजना पर काम करने का निर्देश दिया था. उस दौरान यह जानकारी सामने आयी थी कि देशभर में करीब 351 नदियां प्रदूषित हैं, जिनमें बिहार की भी छह नदियां शामिल हैं. इसे लेकर ””””नदी पुनरुद्धार समिति”””” बनायी गयी थी. इस समिति के सुझाव पर नगर विकास एवं आवास विभाग, जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग, लोक स्वास्थ्य अभिंत्रण विभाग, उद्योग विभाग, केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण द्वारा कार्य-योजना पर काम किया जाना है. सीवेज एवं ठोस प्रबंधन सुनिश्चित करने का निर्देश इस बैठक में अध्यक्ष द्वारा सभी विभागों और खासकर नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा सीवेज एवं ठोस प्रबंधन अविलंब सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. साथ ही इस कार्य के लिए नदी किनारे वृक्षारोपण, भूमिगत जल संरक्षण के लिए गाइडलाइन जारी करने सहित अन्य निर्देश दिये गये. इस दौरान बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने वर्तमान स्थिति से अवगत कराया. इन नदियों के नहाने योग्य बनाने के लिए तैयार की गयी कार्य-योजना में औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण, सीवेज प्रबंधन, उपचारित सीवेज के पानी का फिर से उपयोग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, हरित पट्टी का विकास, भू-जल संरक्षण सहित अन्य बिंदु शामिल हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version