Ganga River Water Level : पटना में बढ़ा बाढ़ का खतरा, जिला प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण पटना जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पटना जिला प्रशासन इसी खतरे की संभावना को देखते हुए कुछ गाइडलाइंस जारी किए हैं. पढ़े बाढ़ के खतरे के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
पटना. पटना जिला प्रशासन ने जिले में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए बुधवार को एक गाइडलाइन जारी की है. इसमें पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से निर्धारित मापदंडों का पालन करने की अपील की गई है. प्रशासन की ओर से क्या करें, क्या नहीं करें, इसको लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है.
बाढ़ का खतरा है तो क्या नहीं करें
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बच्चों को बाढ़ के पानी में या उसके पास खेलने की अनुमति न दें.
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में न घूमें.
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अज्ञात गहराई और करंट के पानी में ड्राइव न करें.
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ऐसा भोजन न करें जो बाढ़ के पानी से प्रभावित हो.
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बाढ़ के पानी में चलने या ड्राइव करने की कोशिश न करें.
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पुलों के पार न चलें क्योंकि वे गिर सकते हैं.
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बहते पानी में न चलें – धाराएं भ्रामक हो सकती हैं, और उथला, तेज गति वाला पानी आपके पैरों को गिरा सकता है.
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तेज बहते पानी में न तैरें, इससे आप बह सकते हैं या पानी में किसी वस्तु से टकरा सकते हैं.
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बाढ़ के खतरे से बचने के लिए यह करें
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चेतावनियों और सलाह के लिए अपने स्थानीय रेडियो को ट्यून करें.
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वाहनों, उपकरणों, रसायनों, बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं आदि को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं.
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सभी बिजली के उपकरणों को डिस्कनेक्ट कर दें.
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घर से निकलने से पहले बिजली और गैस बंद कर दें.
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अपने कीमती सामान या सामान को बांधकर सुरक्षित और ऊंचे स्थान पर रख दें या जमीन के नीचे गाड़ दें.
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पशुओं और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों या ऊंची भूमि पर स्थानांतरित करें. उनके लिए कुछ चारा रखें.
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घरेलू सामान, पशुधन और फसल का बीमा कराएं.
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अपने घर से निकलने से पहले बुनियादी आवश्यक चीजें ले लें.
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बाढ़ के दौरान पहले सुरक्षा के बारे में सोचें.
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उथले पानी में चलते समय सावधानी बरतें.
Published By : Anand Shekhar