पटना. बिहार विधान परिषद में गुरुवार को अनिल कुमार के ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत गया, बोधगया, राजगीर व नवादा में शहरी जनसंख्या की दैनिक आवश्यकता के अनुरूप पेयजल आपूर्ति के लिए गंगाजल आपूर्ति योजना का कार्यान्वयन किया गया है. इस योजना के तहत गंगाजल को फल्गू नदी में नहीं गिराया गया है. इस संबंध में किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए. गया में विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गू नदी में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वहां देश का सबसे बड़े रबर डैम का निर्माण कराया गया है, जिससे वहां फल्गू नदी का ही सतह के नीचे प्रवाहित होने वाला जल ऊपर जमा हुआ है.
मंत्री ने कहा कि गंगा नदी की बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की मुख्यमंत्री की अनूठी परिकल्पना के अनुरूप गंगाजल आपूर्ति योजना का क्रियान्वयन बिहार में पहली बार किया गया है. इसके तहत गंगा नदी के जल को केवल मॉनसून सीजन में हथिदह के निकट से लिफ्ट कर पाइप लाइन के जरिये राजगीर और गया ले जाकर जलाशयों में संग्रहीत किया गया है. गया और राजगीर में जलशोधन संयंत्र का निर्माण किया गया है, जिनके जरिये गंगाजल को शोधित कर गया, बोधगया और राजगीर शहरों में जल आपूर्ति की जा रही है. इस वर्ष के अंत तक नवादा शहर में गंगाजल आपूर्ति शुरू की जायेगी.
झा ने कहा कि गंगाजल आपूर्ति योजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत इसका एक विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा. अध्ययन की रिपोर्ट आने के बाद ही दूसरे शहरों के लिए इस तरह की किसी योजना पर विचार किया जायेगा. फिलहाल गंगाजल को फल्गू नदी के सहारे उदेरास्थान तक ले जाने और वाणावर पहाड़ स्थित जलाशयों में गिराने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
संजय झा ने कहा कि गंगाजल आपूर्ति योजना और गयाजी डैम दोनों अलग-अलग योजना है. दोनों योजनाओं को केंद्र सरकार की प्रतिष्ठित संस्था द्वारा ”जल संसाधन के सर्वोत्तम कार्यान्वयन” के लिए पिछले दिनों ”सीबीआइपी अवार्ड 2022” प्रदान किया गया है. यह योजना उक्त चारों शहरों और उसके आसपास के क्षेत्रों में गिरते भू-जल स्तर को पुनर्स्थापित करने तथा पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखने में भी सहायक होगी.
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झा ने कहा कि गया में प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गू नदी में सालों भर जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वहां गयाजी डैम का निर्माण कराया गया है, जो गंगा जल आपूर्ति से बिल्कुल अलग योजना है. विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गू नदी में सतही जल प्रवाह नगण्य रहने के कारण देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती थी.