पटना नगर निगम के पाटलिपुत्र अंचल और गर्दनीबाग स्थित स्वच्छता केंद्र के लोगों की एक बेहतर पहल के कारण कचरा चुनने वाले बच्चों के हाथों में अब किताबें हैं. इन बच्चों के लिए इन दोनों जगहों पर एक जगह बनायी गयी है, जहां उन्हें पढ़ाई का बेसिक सिखाने की पहल की गयी है. इन्हें क, ख, ग, घ से लेकर ए, बी, सी, डी का अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है. बच्चों के लिए एक कमरे में डेस्क, बेंच और दरी लगायी गयी है. पाटलिपुत्र अंचल पानी टंकी के पास इन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी पटना वीमेंस कॉलेज की इंटर्न छात्राएं और वॉलेंटियर दीक्षा पढ़ाती हैं. पिछले साल से ये बच्चे यहां पर पढ़ रहे हैं.
वहां कार्यपालक प्रतिभा सिन्हा बताती हैं कि पाटलिपुत्र अंचल के डंप यार्ड में रोजाना कचरा बीनने वालों के साथ उनके बच्चे भी आया करते थे. सुबह 9 बजे से लेकर वे दोपहर 12:30 बजे तक वहीं रहते थे. मेरा हमेशा से मानना रहा कि समाज के हर बच्चे को शिक्षित होने का अधिकार है और बेहतर समाज निर्माण के लिए यह जरूरी है. हमने इन बच्चों के लिए वहीं पर एक रूम तैयार करवाया, जहां उन्हें पढ़ाया जाता है. अभी फिलहाल सेंटर पर एक हफ्ते से बच्चों की कक्षाएं स्थगित हैं. क्लारूम में कुछ बदलाव करने हैं. इसके बाद अगले हफ्ते से कक्षाएं फिर से शुरू हो जायेंगी.
गर्दनीबाग के स्वच्छता केंद्र के इंचार्ज अजय कुमार ने बताया कि आज से नौ महीने पहले यहां काम करने वाले वर्कर के बच्चे की मौत एक्सिडेंट से हो गयी थी. इसके बाद कंपनी की ओर से यह निर्णय लिया गया कि जब तक इन बच्चों के माता-पिता यहां काम करेंगे, तब इन बच्चों को शिक्षित किया जायेगा. इससे वे साक्षर बनेंगे और उनकी जान को भी कोई खतरा नहीं होगा. उसके लिए बच्चों के लिए अलग से एक रूम तैयार किया गया है. यहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए अक्षर और अल्फाबेट का पोस्टर लगाया गया है. टीचर अनिल कुमार इन बच्चों अक्षर ज्ञान दे रहे हैं. सेंटर पर फिलहाल 24 बच्चे पढ़ते हैं.