गार्डिनर अस्पताल को नहीं मिला रेडियोलॉजिस्ट, अल्ट्रासाउंड ठप

शहर के इनकम टैक्स चौराहे पर बने न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल की सुविधाएं दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. यहां रेडियोलॉजिस्ट से लेकर ड्रेसर व डेंटल डॉक्टर आदि के पद खाली हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2025 1:17 AM

अस्पताल में आइसीयू की सुविधा भी नहीं, रोज आते हैं 600 से अधिक मरीज

संवाददाता, पटना

शहर के इनकम टैक्स चौराहे पर बने न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल की सुविधाएं दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. यहां रेडियोलॉजिस्ट से लेकर ड्रेसर व डेंटल डॉक्टर आदि के पद खाली हैं. यही वजह है कि यहां बीते एक साल से अल्ट्रासाउंड की सुविधा ठप है. साथ ही ड्रेसर के नहीं होने से दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को ड्रेसिंग में परेशानी हो रही है. ड्रेसर का काम नर्सों को करना पड़ रहा है. जानकारों की मानें तो अस्पताल में जांच और इलाज की सुविधा निःशुल्क होने से काफी मरीज आते हैं. शहर के बीच होने से यहां मरीजों को आने में सहूलियत होती है. इसे मधुमेह का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल घोषित किया गया है. यहां इंडोक्राइन के साथ हिमोफिलिया और नेफ्रोलॉजी (किडनी) का भी इलाज होता है. इसके अलावा छोटे-मोटे हादसे में घायल मरीजों की मरहम पट्टी की व्यवस्था है. लेकिन, अभी कई व्यवस्थाओं की कमी के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

एक साल से नहीं हैं नेफ्रोलॉजिस्ट : यहां किडनी फेल्योर मरीजों के लिए छह बेड पर डायलिसिस की सुविधा है. लेकिन नेफ्रोलॉजिस्ट के रिटायर होने के बाद अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है. टेक्नीशियन नहीं होने से डायलिसिस दूसरे स्टाफ मजबूरी में करते हैं. कम से कम यहां दो टेक्नीशियन की जरूरत है. आइसीयू की सुविधा भी नहीं है.

नये डॉक्टर आयेंगे, तो शुरू होगा अल्ट्रासाउंड : यहां प्रतिदिन ओपीडी में 550 से 600 मरीज रजिस्ट्रेशन कराते हैं. 24 घंटे इमरजेंसी की भी सुविधा है. बच्चों के टीकाकरण के लिए इसे मॉडल सेंटर भी बनाया गया है. लेकिन मैनपावर की कमी से चिकित्सकीय सेवा प्रभावित होती. अस्पताल निदेशक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड करने के लिए कोई भी रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं है. जो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कर रहे थे, एक महीने पहले दूसरे जगह ज्वाइन कर लिये हैं. विभाग को इसकी जानकारी दी गयी है. जब नया डॉक्टर बहाल किये जायेंगे, तभी अल्ट्रासाउंड शुरू होगा.

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