Gaya: सीरियस हुई मां तो ICU में ही करा दी बेटी की शादी, मरते वक्त IITian बेटी-दामाद को दिया आशीर्वाद
परिजनों ने बताया कि दोनों का इंगेजमेंट 26 दिसंबर को होना तय था, लेकिन लड़की की मां की जिद के कारण दोनों की शादी इंगेजमेंट की निर्धारित तिथि के एक दिन पहले ही कर दी गयी.
डॉ प्रमोद कुमार वर्मा, गुरुआ: गया शहर की मजिस्ट्रेट कॉलोनी के सामने स्थित अर्श हॉस्पिटल रविवार को एक अजीबो-गरीब शादी का गवाह बना. गुरुआ थाना क्षेत्र के सलेमपुर गावं के रहनेवाले रिटायर्ड आर्मी जवान विद्युत कुमार आंबेडकर के बेटे आइआइटियन सुमित गौरव ने बिना तिलक-दहेज लिये हॉस्पिटल के आइसीयू में युवक संघ पद्धति से चांदनी कुमारी से शादी की.
जानकारी के अनुसार, गुरारू प्रखंड के बाली गांव के निवासी ललन कुमार की पत्नी पूनम कुमारी वर्मा कई दिनों से बीमार थी. सीरियस होने के बाद उन्हें अर्श हास्पिटल गया में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने कहा कि मरीज की हालत गंभीर है और किसी भी समय मौत हो सकती है. ऐसी हालत में मरीज पूनम कुमारी वर्मा ने परिजनों के सामने शर्त रख दी कि उनकी बेटी चांदनी कुमारी की शादी उनके जिंदा रहते कर दी जाये.
26 दिसंबर को होना था इंगेजमेंट
परिजनों ने बताया कि चांदनी कुमारी का इंगेजमेंट 26 दिसंबर को गुरुआ प्रखंड के सलेमपुर गांव के निवासी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त विद्युत कुमार अंबेडकर एवं नीलम कुमारी के इंजीनियर पुत्र सुमित गौरव के साथ होना तय था, लेकिन लड़की की मां की जिद के कारण दोनों की शादी इंगेजमेंट की निर्धारित तिथि के एक दिन पहले ही कर दी गयी. दुखद बात यह रही कि शादी के महज दो घंटे बाद ही लड़की की मां का निधन हो गया.
आइसीयू रूम के दरवाजे पर हुई शादी
शादी अर्श हास्पिटल में ही आइसीयू रूम के दरवाजे के बाहर युवक संघ पद्धति से संपन्न हुई. सुमित गौरव के चाचा अजीत कुमार लोहिया ने वर और वधू को शपथपत्र पढ़वाकर शादी संपन्न करवाया. मौके पर शैलेन्द्र कुमार मंडल, कुमारी शर्मिला टैगोर, कुमारी प्रमिला टैगोर, मणिभूषण, ज्योति, गुनगुन व जदयू नेता अरविंद कुमार वर्मा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.
कोरोना काल से थी बीमार
चांदनी कुमारी ने बताया कि उनकी मां पूनम कुमारी वर्मा मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एएनएम के पद पर कार्यरत थीं और कोरोना काल से ही लगातार बीमार रह रही थी. वह हृदय रोग से पीड़ित थी. मां की इच्छा रखने के लिए अस्पताल में शादी की.
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युवक संघ पद्धति से हुई शादी
सुमीत गौरव के दादा स्मरणीय सिद्धेश्वर प्रसाद सिन्हा युवक संघ के संस्थापक सदस्य थे एवं दादी स्मरणीय चमेली देवी शिक्षिका थी. वे आजीवन ब्रह्मणवाद, अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे. सुमित गौरव ने भी अपने दादा से प्रभावित होकर युवक संघ पद्धति से शादी का निर्णय लिया.