पटना. 53 साल के बाद फिर से तैयार हो रहे पटना जिले का गजेटियर अप्रैल तक प्रकाशित हो जायेगा. इस तैयार करने में पटना विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय सहित सूबे के बाहर के संस्थानाें के करीब दो दर्जन स्कॉलरों की टीम लगी है. नोएडा की कंपनी इथर प्राइवेट लिमिटेड इसे तैयार कर रही है. इसमें पटना जिले के साहित्य व संस्कृति, शिक्षा, भूगोल व प्राकृतिक संसाधन, प्रशासन, विधि-व्यवस्था व न्याय, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, पर्यटन, बैंकिंग सहित सभी तरह की सूचनाएं रहेंगी. सूत्र ने बताया कि गजेटियर के लेखन के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित अध्याय व शीर्ष के अंतर्गत पांडुलिपि तैयार की जायेगी. इससे पहले पटना जिले का गजेटियर वर्ष 1970 में तैयार हुआ था.
नव निर्मित इमारतें सहित 54 विभागों की रहेगी विवरणी
पिछले 53 साल में पटना जिले में काफी बदलाव हुआ है. गजेटियर में नवनिर्मित इमारतें के अलावा 54 विभागों की विवरणी रहेगी. नये इमारतों में अशोक कन्वेंशन सेंटर, बापू सभागार, सभ्यता द्वार, ज्ञान भवन, बिहार म्यूजियम, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के अलावा मेट्रो, जल-जीवन-हरियाली अभियान, कृषि रोड मैप, पटना स्मार्ट सिटी, ऊर्जा, आपदा प्रबंधन विषयों पर विस्तृत जानकारी रहेगी. इसमें सात निश्चय की योजनाओं के तहत होनेवाले काम का भी उल्लेख रहेगा. इसके प्रकाशित होने पर प्रशासकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, पर्यटकों, राजनेताओं, उद्योगपतियों सहित मीडिया से जुड़े लोगों के लिए उपयोगी होगा.
पायलट प्रोजेक्ट में पटना व दरभंगा का चयन
सूत्र ने बताया कि गजेटियर तैयार करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पटना व दरभंगा जिले का चयन किया गया है. पहले पटना जिले का गजेटियर तैयार होगा. सूत्रों के अनुसार तैयार गजेटियर लोकोपयोगी हुआ, तो इसके आधार पर राज्य के अन्य जिले का गजेटियर तैयार होगा. नोडल एजेंसी राजस्व विभाग के सूत्र ने बताया कि सभी विवरणियों को अच्छी तरह से सत्यापित कर शामिल किया जा रहा है. प्रकाशित होने वाले विवरणी के स्रोत का भी उल्लेख रहेगा.