जर्मनी का ‘कैश’ व ईरान का ‘महराजा स्टुअर्ट’ ने जीता पटना का दिल, वेटनरी कॉलेज में हुआ डॉग एंड कैट शो
यहां कुत्तों ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाकर न केवल अपनी हुनर का प्रदर्शन किया, बल्कि जीवन को अनुशासन में जीने का संदेश भी दिया. डॉग शो में एक ओर पग अपनी अदाओं से सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा था, तो गोल्डन रिट्रीवर का अंदाज ही अलग नजर आया.
पटना. शहर के बिहार वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में रविवार को लगे डॉग एंड कैट शो में गठीला मसल्स, मजबूत सीना, तेज नजरें, नुकीले दांत व हर आहट पर चौकन्ना होने वालों कुत्तों की विभिन्न नस्लों को देख हर कोई चकित रह गया. इस शो में आये विभिन्न नस्लों के कुत्तों और बिल्लियों के बीच कुत्तों में ग्रेट डेन ‘कैश’ और बिल्लियों में पर्शियन कैट ‘महराजा स्टुअर्ट’ ओवरऑल चैंपियन बने. मालूम हो कि ग्रेट डेन अपने विशाल आकार के लिए जाना जाता है. इस नस्ल की मादा का औसतन भार 45-60 किलो होता है. नर का कद 2 फुट 60 इंच और मादा का कद 2 फुट 50 इंच होता है. वहीं, बिल्लियों में अधिकतर लोग पर्शियन कैट को पालना पालना पसंद करते हैं. इसके बच्चे की शुरुआती कीमत एक से दो लाख रुपये तक होती है.
कई मानकों पर परखे गये डॉग्स
बता दें कि, शो में डॉगी अपने मालिकों के साथ ग्राउंड में पहुंचे थे. अलग-अलग प्रजाति के ग्रुपों में हुई इस प्रतियोगिता में जजों ने डॉग्स को विभिन्न मानकों के तहत परखते हुए स्कोरिंग की.
90 ब्रीड के डॉग्स का हुआ था रजिस्ट्रेशन
डॉग शो में करीब 90 अलग-अलग ब्रीड के स्वानों का पंजीकरण किया गया था, जिसमें, बीगल, कैन कोर्सो, लैबराडोर, गोल्डन रिट्रीवर, रॉटविलर, कल्चरल पेमोरियन, साइबेरियन हस्की, अलास्कान मलामूट, जर्मन शेफर्ड, पग जैसे कई ब्रीड शामिल थे. वहीं, कैट शो में इस वर्ष 22 कैट ओनर्स ने अपने पेट्स का पंजीकरण कराया. इनमें इंडियन ब्रीड, हिमालयन ब्रीड, पर्शियन, रैगडॉल, बर्मन, साइबेरियन जैसे कई प्रजाति की बिल्लियां थीं.
कुत्तों ने दिखाये एक से बढ़ कर एक करतब
यहां कुत्तों ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाकर न केवल अपनी हुनर का प्रदर्शन किया, बल्कि जीवन को अनुशासन में जीने का संदेश भी दिया. डॉग शो में एक ओर पग अपनी अदाओं से सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा था, तो गोल्डन रिट्रीवर का अंदाज ही अलग नजर आया. इसी तरह से शिह जू, लैब्राडोर, रिट्रीवर, बुलडॉग और पोमेरेनियन भी थे, जिन्हें नजरअंदाज करना आसान नहीं था.
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किस डॉग को कौन सा स्थान मिला
शो में आये न्यायाधीश रवि रंजन के ग्रेट डेन डॉग को प्रथम, इन्द्रनील बासक के अलास्कान मलामूट को द्वितीय व रश्मि रेखा के गोल्डन रिट्रीवर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ.
शो में ये रहे शामिल
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के प्रांगन में आयोजित डॉग और कैट शो में वेटरनरी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एम हक, डॉ पंकज कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ शंकर दयाल, डॉ जीतेन्द्र कुमार व डॉ गौतम कुमार निर्णायक मंडली में शामिल रहे. वहीं, विजेताओं को मुख्य अतिथि डॉ अनूप दास, कुलपति डॉ रामेशवर सिंह, डॉ जेके प्रसाद ने सम्मानित किया. मौके पर प्रो (डॉ) मोईन अंसारी, डॉ सुमित सिंघल, डॉ रमेश तिवारी, डॉ दुष्यंत आदि मौजूद थे.
ये रहे डॉग शो में विजेता
साइबेरियन हस्की
प्रथम: नेहा
द्वितीय: मानस
तृतीय: इन्द्रनील बासक
पोमेरियन
प्रथम: दिलीप कुमार
द्वितीय: आशीष कुमार
शिह जू
प्रथम: आशीष
द्वितीय: मनीष
गोल्डन रिट्रीवर
प्रथम: रश्मि रेखा
द्वितीय: रोहित
तृतीय: शम्भू
जर्मन शेफर्ड
प्रथम: सूरज कुमार
द्वितीय: शुभम राज
तृतीय: संतोष कुमार
पग
प्रथम: अमन कुमार
द्वितीय: वीरेन्द्र कुमार
बीगल
प्रथम: अनुराग कुमार
द्वितीय: भास्कर
रॉटविलर
प्रथम: धीरज कुमार
द्वितीय: विवेक कुमार
तृतीय: कुमार कौशिक
लैबराडोर
प्रथम: रवि कुमार
द्वितीय: शैलेश शंकर
तृतीय: कपिल
- कल्चर पॉमेरियन: शम्भू कुमार
- सेमोइड: इन्दर कुमार
- बुल डॉग: सुधांशु
- चाउ-चाउ: कश्तुरी
- अमेरिकन बुली: सनातन वात्स्यायन
- क्रॉस (लैब्राडोर और पामेरियन): आयुष
- देशी: अजय कुमार
- सेंत बर्नार्ड: ललन चौधरी
- रुस्सियन माल्टीस: गुन्जिता गुप्ता
- फ्रेंच मेसटिफ: अश्विनी कुमार
- टॉय पोम: अजीत कुमार
- इंडियन मेसटिफ: राहुल विश्वास
ये रहे कैट शो में विजेता
पर्शियन नस्ल में हरीश इफ्तेकार प्रथम, एमएच रहमान द्वितीय व नॉर्मिला परवीन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. माउंटेन में एसके सिंह व देसी में सैफ प्रथम स्तान पर रहे.
प्रतिभागियों ने बतायी अपनी बिल्लियों की खासियत
मैंने इरान से डेढ़ लाख में ‘महाराजा स्टुअर्ट व ‘महाराना बिस्की’ को मंगाया है. मुझे पर्शियन ब्रीड की बिल्लियां खूब भाती हैं. अब तक दो बार बिस्की ने बच्चे को जन्म दिया है, जिससे कुल 9 बच्चे हैं. हालांकि, उन्हें मैं अपने रिश्तेदारों को गिफ्ट में दे रहा हूं.
-हरीश इफ्तेकार, मनेर
मेरी बिल्ली पर्शियन ब्रीड की है. इसका नाम कामरान है. इसकी खासियत है कि दोनों आखें अलग-अलग रंगों की हैं. हमेशा साथ रहती है. छह साल से इसे पाल रही हूं. इसे पार्लर भी महीने में दो बार ले जाती हूं. एक को पालनें में एक हजार रुपये महीने का खर्च होता है. अभी मेरे पास 13 कैट हैं, जिसमें तीन को लोग एडोप्ट कर रहे हैं.
– अर्शी तब्बशी, एनआइटी पटना
मेरे पास एक 13.6 केजी का पर्शियन व माउंटेन ब्रीड की कैट है. इनमें माउंटेन कैट चेरी को प्रथम पुरस्कार भी मिला. मुझे बिल्लियां पालने का शौक है. इसे पालनें में महीने का करीब तीन हजार खर्च आता है. इसे उबला अंडा खाने का शौक है.
– एसके सिंह, राजा बाजार