Bihar News: गंडक नदी बनेगी कंजर्वेशन रिजर्व, बड़ी संख्या में मौजूद हैं घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और कछुअे
सरकार अब गंडक नदी को कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की तैयारी में है. इसका कारण यहां मिलने वाले घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और कछुअे सहित अन्य कई प्रकार के जलीय जीव हैं. जो बड़ी संख्या में इस नदी में मौजूद हैं. इनके संरक्षण के लिए सरकार अब यह तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से सर्वे का काम शुरू भी हो गया है.
सरकार अब गंडक नदी को कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की तैयारी में है. इसका कारण यहां मिलने वाले घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और कछुअे सहित अन्य कई प्रकार के जलीय जीव हैं. जो बड़ी संख्या में इस नदी में मौजूद हैं. इनके संरक्षण के लिए सरकार अब यह तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से सर्वे का काम शुरू भी हो गया है.
गंडक नदी बिहार के गोपालगंज, मुजफ्फरपुर व सारण होकर सोनपुर में गंगा में मिल जाती है. अब इन जिलों के बड़े जलीय क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व बनाये जाने की तैयारी चल रही है. अभी सर्वे का काम चल रहा है. जिसके तहत इस नदी के किनारे बसे गांव व बसावट के लोगों का इस नदी से आजीविका चलने के बारे में पता किया जा रहा है. जिसके बाद रिपोर्ट मंत्रालय के पास भेजा जाना है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट में लगे अधिकारियों का मानना है कि गंडक का पानी दूसरी नदियों की तुलना में अधिक साफ है. जिसके कारण इसमें घडियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और कछुअे वगैरह बढ़ते ही जा रहे हैं. वन विभाग की गिनती बताती है कि अभी इसमें 250 के करीब घड़ियाल हैं. वहीं 160 के करीब डॉल्फिन की भी इसमें उपस्थिति है.
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प्रजनन के लिए गंडक का पानी मुफीद है जिसके कारण हाल में ही पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान से 30 घड़ियालों को नदी में छोड़ा गया है. बता दें कि जब गंडक को कंजर्वेशन रिजर्व बना दिया जाएगा तो इसमें मछली पकड़ने पर रोक लग जाएगी. वहीं इसपर आश्रितों को वन विभाग की ओर से रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराये जाएंगे.
Posted By: Thakur Shaktilochan