ट्रेन में दबिश, तो छोटी गाड़ियों से बढ़ी सोना तस्करी
एयरपोर्ट और ट्रेन में दबिश बढ़ी , तो तस्करों ने छोटी गाड़ियों से सोना तस्करी शुरू कर दी. तस्कर अब म्यांमार से सोना सड़क मार्ग से दिल्ली, जयपुर और मुंबई के साथ-साथ देश के अन्य सर्राफा बाजार में भेज रहे हैं.
संवाददाता,पटना तू डाल-डाल मैं पात-पात को चरितार्थ कर रहे हैं सोना तस्कर.एयरपोर्ट और ट्रेन में दबिश बढ़ी , तो तस्करों ने छोटी गाड़ियों से सोना तस्करी शुरू कर दी. तस्कर अब म्यांमार से सोना सड़क मार्ग से दिल्ली, जयपुर और मुंबई के साथ-साथ देश के अन्य सर्राफा बाजार में भेज रहे हैं. इसका खुलासा राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) द्वारा की जा रही कार्रवाई में हुआ है. पिछले दिनों में दरभंगा और बक्सर में म्यांमार से लाया जा रहा सोना डीआरआइ की टीम ने पकड़ा था. इसमें दरभंगा में करीब 13 किलो और बक्सर में करीब आठ किलो सोना पकड़ा गया था. इससे पहले एयर रूट से सोना की तस्करी काफी होती थी, लेकिन कस्टम और डीआरआइ की सक्रियता के कारण कई तस्कर गया एयरपोर्ट पर पकड़े गये. इसके बाद तस्करों ने सड़क मार्ग को सेफ समझा और छोटी गाड़ियों से सोना बॉर्डर पार करवा भारतीय बाजार में बेचते हैं.इसमें मुख्य रूप से भारत-म्यांमार तस्करों का सिंडिकेट काम कर रहा है. भारत-म्यांमार सोना तस्करी के सिंडिकेट का मॉडस ऑफ आपरेंडी भारतीय पैडलरों के माध्यम से सीमा पर बैठे तस्करों के सिंडिकेट म्यांमार से सोना तस्करी कर दिल्ली,जयपुर और मुंबई भेजते हैं. भारत-म्यांमार सोना तस्करी के सिंडिकेट से जुड़े तस्करों ने गुवाहाटी और दूसरे राज्यों को ट्रांजिट प्वॉइंट बना रखा है. किसी को शक नहीं हो, इसलिए म्यांमार से कई बार में कम से कम मात्रा में सोने की तस्करी कर गुवाहाटी लाकर जमा किया जाता है. जब स्टॉक अधिक हो जाता है,तो उसे पैडलरों के माध्यम से दिल्ली,जयपुर और मुंबई के साथ-साथ अन्य शहरों के सर्राफा बाजार में भेजा जाता है. फिर वहां के बाजार में बेचा जाता है.डीआरआइ ने पिछले दिनों चार राज्यों में इस सिंडिकेट के विरुद्ध ऑपरेशन चलाया था, जिसमें सिंडिकेट को लेकर खुलासा हुआ.
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