Good Friday: हे पिता, मैं अपनी आत्मा तुझे सौंपता हूं, याद किये गये प्रभु यीशु के दु:ख
Good Friday: विश्व भर के ईसाइयों के अलावा राजधानी पटना, पटना सिटी, दानापुर के ईसाईयों ने भी शुक्रवार को निर्दोष प्रभु यीशु को कष्टमय यातना की घटना को याद कर गुड फ्राइडे मनाया. राजधानी के विभिन्न चर्चों में गुड फ्राइडे को लेकर अलग-अलग प्रार्थना सभाएं हुईं. उसके बाद बाइबल से दुख: भोग की कथा सुनाई गयी और क्रूस की आराधना की गयी. मसीही विश्वासियों ने प्रभु यीशु के दुख भोग और क्रूस पर उनकी पीड़ादायक मृत्यु का स्मरण किया. फिर प्रभु यीशु की तरह क्रूस उठाकर प्रायश्चित किया. ‘हे पिता, मैं अपनी आत्मा तुझे सौंपता हूं… हे पिता, इन्हें क्षमा करना…’ आदि वचनों के साथ गुड फ्राइडे की पवित्र धर्म विधि संपन्न हुई.
पटना. Good Friday (पुण्य शुक्रवार) पर प्रेरितों की रानी ईश मंदिर (कुर्जी चर्च), पादरी की हवेली स्थित चर्च व बिहार रेजिमेंट सेंटर के ऐतिहासिक संत लूकस गिरजाघर के लोकधार्मियों द्वारा प्रभु यीशु के क्रूस मरण की घटनाओं को दर्शाया गया. इस पवित्र समारोह में सात हजार से अधिक मसीही भक्तों ने भाग लिया. पादरी की हवेली चर्च के पल्ली पुरोहित प्रवीण लोवो की देखरेख में क्रूस रास्ता का आयोजन किया गया. पवित्र शुक्रवार के त्योहार में ईसाई समुदाय के लोग उपवास पर रहे और क्रूस की उपासना की. मदर टेरेसा परिसर से क्रूस रास्ते का आयोजन हुआ. जो चर्च तक आया. जिसमें कपड़े से ढके क्रूस को पल्ली 14 परिवार की ओर से ढोया गया.
वहीं कुर्जी चर्च के कई सदस्यों की ओर से यीशु मसीह के दुःखभोग पर आधारित झांकी निकाली गयी, जो सुबह छह बजे कुर्जी के लोयोला स्कूल से प्रार्थनामय जुलूस के साथ शुरू होकर कुर्जी मोड़ के रास्ते होते हुए संत माइकल स्कूल के सामने प्रेरितों की रानी ईश मंदिर (कुर्जी चर्च) में समाप्त हुई. इस जुलूस में 1500 से अधिक मसीही शामिल हुए. गिरजाघरों में यीशु के दुःख भोग को हरेक बुधवार और शुक्रवार को क्रूसरास्ता और रविवारीय पूजा समारोह में लोगों ने भक्तिपूर्वक भाग लिया. करीब दोपहर दो बजे चर्च के मुसीबत गायन मंडली द्वारा यीशु के दुःख भोग और क्रूस पर मरण का दारूण गीत के माध्यम से याद किया गया.
ईसाईयों ने की पावन क्रूस की उपासना
दुःख भोग पर आधारित पवित्र बाइबल से दु:ख भोग का विवरण पढ़ा गया. फादर एडवर्ड मेंडोन्का द्वारा उपदेश में गुड फ्राइडे के महत्व को समझाया गया. उपदेश के बाद पुरोहितों की अगुवाई में भक्तों ने देश और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की. इसके बाद क्रूस के प्रति अपनी श्रद्धा व भक्ति दर्शाते हुए पावन क्रूस की उपासना की गयी. अंत में परम प्रसाद ग्रहण किया. पुरोहितों ने क्रूसित प्रभु यीशु की प्रतिमा को जुलूस में भक्तिपूर्वक ले जाकर गिरजाघर रखकर प्रार्थना की गयी.
संत लूक चर्चा में हुई विशेष प्रार्थना
दानापुर. प्रभु यीशु का बलिदान दिवस ईसाई समुदाय ने गुड फ्राइडे के रूप में मनाया. बिहार रेजिमेंट सेंटर के ऐतिहासिक संत लूकस गिरजाघर में फादर नायक सूबेदार धर्मगुरु फादर एल विपिन के संयोजन में सुबह विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गयी. ईसा मसीह के व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया गया. धर्मग्रंथ बाइबिल (नया नियम) में अंकित उनके द्वारा कहे गए सात वचन श्रद्धालुओं ने दोहराए. फादर ने कहा कि ईसा मसीह ने स्वयं मानवता की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया था. अमन, शांति , समानता व सेवा ही उनका मकसद था. सन 30 ई सात अप्रैल दिन शुक्रवार वह दिन था. जब उन्हें क्रूस पर लटकाया गया . हालांकि तीसरे दिन ही प्रभु यीशु पुन: अवतरित हुए, जिससे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है.
क्रूस पर प्राण दे यीशु ने किया मानव का उद्धार
पटना सिटी. पादरी की हवेली स्थित चर्च में पल्ली पुरोहित फादर ने कहा कि प्रभु ने त्याग व बलिदान देकर प्रेम का संदेश दिया है. आयोजन में सहायक पल्ली पुरोहित फादर सुरेश खाका और फादर प्रदीप सोंरग, मिशनरी ऑफ चैरिटी व माता सदा सहायिका की धर्म बहनों के साथ अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एम्ब्रोस पैट्रिक, अभिषेक पैट्रिक, पूजा एन शर्मा, विक्टर अलफोंस, जॉर्ज पीटर, साइमन पीटर, कांता अलफोंस, रिचर्ड रंजन , एडवर्ड अल्फोंस, चाल्र्स अल्फोंस, अग्नेस जेरेमी ,अजीता कुजूर,अल्बर्ट माइकल , क्लेटस किस्पोट्टा, रोजमंड जेरेमी, बैसिल लकड़ा, सनी के वी, एंथोनी राज समेत अन्य शामिल थे.
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दुःख भोग के दृश्य को देख गमगीन हुए लोग
लोयला हाइ स्कूल के प्रांगण में बने स्टेज पर प्रभु ईसा की भूमिका में उस समय के तत्कालीन राजा पिलातुस के सामने पेश किया गया, तो इस दृश्य को देखकर लोग भाव विभोर हो उठे और क्रूस की सजा मिलते ही क्रूर सिपाहियों ने प्रभु ईसा के कंधे पर एक लकड़ी का बड़ा क्रूस लाद लिया और विक्टर फ्रांसिस, प्रभु ईसा के भूमिका को निभाने हुए उस क्रूस को अपने कंधे पर ढोते हुए मुख्य मार्ग से चर्च के प्रांगण में पंहुचे, जहां झांकी के अन्य ग्यारह दृश्यों को मंच पर दर्शाया गया. वह दृश्य बहुत ही मार्मिक और यथार्थ लगा जब यीशु को क्रूस पर कीलों के सहारे ठोंक दिया गया. झांकी के संयोजक विक्टर फ्रांसिस के अलावे मरियम की भूमिका में (शालिनी सोरेन) पिलातुस ( विन्सेंट) वेरॉनिका ( रोजलिन तिर्की) सिमोन ( रॉनी बर्नार्ड) सैनिकों की भूमिका में ( निशांत जॉर्ज, रेमी पॉल, प्रवीण,राहुल, संजय कुमार, प्रथम साहू, माणिक कुमार और अन्य युवक थे. अन्य यहूदी महिलाओं में सुमन सोरेन, एनी जेम्स,माग्रेट ,सिमरन शाह, मीनू तिर्की के अलावे कई लोगों ने भाग लिया. झांकी के कोर कमेटी में, संध्या ओस्ता, पास्कल पीटर ओस्ता रॉनी बर्नार्ड, राजेश कुमार, कुंदन साह,संदीप, क्लारेस हेनरी शैलेश एंटनी और सहायक पल्ली पुरोहित फादर दिनेश थे.
रात्रि जागरण व मिस्सा आज, ईस्टर कल
पटना सिटी चर्च के पल्ली पुरोहित फादर प्रवीण लोवो ने बताया कि शनिवार को रात्रि जागरण, आग का आशीष व मिस्सा बलिदान पूजा के साथ अन्य धार्मिक आयोजन होगा. इसके बाद प्रभु के वचन का सात पाठ होगा. रविवार को इस्टर का त्योहार मनाया जायेगा. वहीं शनिवार को सुबह 8:00 बजे से कुर्जी पल्ली में कुर्जी होली फैमिली अस्पताल के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया जायेगा. पटना महा धर्मप्रांत बिशप सेबेस्टियन कल्लुपुरा के नेतृत्व में शाम चार बजे से पांच बजे प्रभु यीशु के दुःख भोग को याद करते एक विशेष प्रार्थना होगी. जिसमें पटना के विभिन्न खीस्तीय समुदायों के बिशप, पास्टर, पुरोहित और भक्त शामिल होंगे.