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जय श्रीराम के नारे से गुंजा गोपालगंज, शालिग्राम शिला के स्वागत में भक्तों ने की फूलों की वर्षा

नेपाल से अयोध्या जाने वाली दोनों विशाल शिलाओं को राम मंदिर के द्वितीय तल पर प्रभु श्रीराम और मां जानकी के बाल काल से लेकर पूर्ण जीवन की लीला को प्रदर्शित करने वाली जगह पर लगायी जायेगी.

मंगलवार की सुबह से गोपालगंज जिले की सीमा डुमरिया में लोगों का सैलाब उमड़ गया. रुक-रुक कर जय श्रीराम के नारे लगते रहें और ढोल-नगाड़ों व सिंगहा की आवाज से वातावरण भक्तिमय हो गया. सबकी नजर चंपारण से आने वाले एनएच 27 पर थी. प्रभु श्रीराम के प्रति अगाध प्रेम का यह नजारा केवल डुमरिया का ही नहीं, बल्कि जिले के पूर्वी छोर से लेकर यूपी की सीमा बथना कुट्टी तक देखने को मिला. सब को इंतजार था नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जाने वाली दो शिलाओं के दर्शन का, जिनसे प्रभु श्रीराम और माता जानकी की प्रतिमाओं का निर्माण होना है.

भगवान की भक्ति में झूम उठा जनसैलाब

सात घंटे देर से शालिग्राम शिला जब ट्रक में डुमरिया पहुंचा, तो जनसैलाब भगवान की भक्ति में झूम उठा. यहां पहुंचे सभी लोग शिला के दर्शन और स्पर्श को लालायित रहे. किसी ने पुष्प चढ़ाकर शिलाओं की पूजा की तो किसी ने अक्षत आदि से. डुमरिया में भाजपा के पूर्व विधायक विधायक मिथिलेश तिवारी द्वारा शिला पूजा और दर्शन को लेकर कार्यक्रम रखा गया था. उन्होंने बताया कि नेपाल से अयोध्या जाने वाली दोनों विशाल शिलाओं को राम मंदिर के द्वितीय तल पर प्रभु श्रीराम और मां जानकी के बाल काल से लेकर पूर्ण जीवन की लीला को प्रदर्शित करने वाली जगह पर लगायी जायेगी.

बथनाकुटी में बॉर्डर पर लोगों ने यात्रा को अयोध्या के लिए किया विदा

बथनाकुटी में हजारों श्रद्धालुओं के शिला दर्शन की खुशी देखते बनती थी. बरौली के देवापुर में भाजपा नेता राजू सिंह ने दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों के लिए नाश्ते से लेकर खाना तक का प्रबंध किया था. सहकार भारती प्रदेश संगठन प्रमुख डॉ राजेश वर्णवाल एवं जिलाध्यक्ष सुनील सिंह आदि ने एसपी कोठी के पास शिला के दर्शन कर पूजन किया. वहीं जादोपुर चौक पर नागरिक सेना के अध्यक्ष राजीव रंजन और सदस्यों ने शिला के दर्शन कर अपनी आस्था व्यक्त की.

छतों से भी शालिग्राम शिला को अपलक निहारते रहे लोग

डुमरिया से लेकर बथनाकुटी तक लोग एनएच किनारे शालिग्राम शिला के दर्शन और पूजन को लेकर जगह-जगह पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, तो वहीं एनएच किनारे के घरों की छतों पर भी लोगों की भीड़ थी. घंटों इंतजार में लोग छतों पर खड़े रहे. बड़े ही नहीं, बच्चे भी शिलाओं का देखने को व्याकुल थे. उनके घर के आगे एनएच से जब शिलाएं गुजरीं, तो लोग छत से इसे अपलक निहारते रहे. श्रद्धा से शीश झुकाते रहे, तो वहीं बच्चे-बड़े सभी प्रभु श्रीराम का जयघोष करते रहे.

शिलाओं से बनेगी अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति

नेपाल से चली शालिग्राम शिलाओं से अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति का निर्माण होना है. दोनों शिलाओं को नेपाल के पोखरा स्थित शालिग्राम नदी जिसे काली गंडकी भी कहा जाता है, वहां से निकाला गया है. जानकारों ने बताया कि एक शिला का वजन 26 टन है, तो वहीं दूसरी शिला का वजन 14 टन है. इन शिलाओं को काली गंडकी नदी से निकालने के बाद जनकपुर धाम होते हुए अयोध्या पहुंचना है. इसी क्रम में मंगलवार को दोपहर शिलाओं को ट्रक ने गोपालगंज में प्रवेश किया और देर रात जिले को पार कर यूपी की सीमा में प्रवेश कर गया, जहां गोरखपुर होते हुए शिला अयोध्या पहुंचेगा.

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