Government Action: बिहार में 826 करोड़ के टेंडर रद्द, एनडीए सरकार ने जांच के बाद की कार्रवाई

Government Action: बिहार की एनडीए सरकार ने पिछली सरकार में राजद कोटे के विभागों से अलॉट किये गये 826 करोड़ के टेंडर को रद्द कर दिया गया है. कुछ फैसलों की जांच अभी जारी है ऐसे में ऐसे अभी औऱ कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है.

By Ashish Jha | June 26, 2024 9:31 AM
an image

Government Action: पटना. बिहार की एनडीए सरकार ने पिछली महागठबंधन सरकार में हुई अनियमितता की जांच के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है. राजद कोटे के विभागों से अलॉट किये गये 826 करोड़ के टेंडर को वर्तमान सरकार ने रद्द कर दिया गया है. कुछ फैसलों की जांच अभी जारी है ऐसे में ऐसे अभी औऱ कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है. एनडीए सरकार बनने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा था कि राजद कोटे के विभागों से जारी टेंडरों की जांच की जायेगी और उसमें अनियमितता पाये जाने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.

पीएचईडी के टेंडर रद्द

नीतीश सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने 826 करोड़ के 350 टेंडर में धांधली पाये जाने के बाद उन्हें रद्द कर दिया है. ये सभी टेंडर महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में जारी हुए थे. तब इस विभाग के मंत्री राजद के ललित यादव हुआ करते थे. मौजूदा सरकार ने इन टेंडर की जांच करायी थी और अब उसमें गड़बड़ी पाते हुए रद्द कर दिया है. बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार बबलू ने बताया कि जांच के दौरान ये पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. इसके बाद टेंडर रद्द किए गए हैं. पीएचईडी विभाग के दूसरे टेंडर की भी जांच अभी चल रही है. अगर उनमें गड़बड़ी पायी जाती है तो उन्हें भी रद्द कर दिया जायेगा. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के हर घर नल का जल के संकल्प को पूरा करने के लिए जल्द ही नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे.

Also Read: Electricity In Bihar: नबीनगर सुपर थर्मल के विस्तार को मंजूरी, 800 मेगावाट की लगेंगी तीन नयी इकाइयां

विजय सिन्हा ने शुरू की थी कार्रवाई

17 महीने के कार्यकाल के दौरान महागठबंधन सरकार में पीएचईडी विभाग ने 4600 करोड़ रुपये के 1160 टेंडर दिए थे. उस समय विभाग के मंत्री ललित यादव थे. जनवरी 2024 में जब जेडीयू-भाजपा की सरकार बनी तो पीएचईडी विभाग का जिम्मा संभाल रहे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने सारे टेंडर की समीक्षा कर कार्रवाई का फैसला लिया था. उन्होंने कहा था कि ग्रामीण नल-जल योजनाओं के टेंडर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिली हैं, जिनकी जांच करानी जरूरी है. अब इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है.

Exit mobile version