राजकीय आयुर्वेेदिक काॅलेज एवं अस्पताल पटना एम्स के साथ करेगा कोरोना पर रिसर्च
आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद पटना का राजकीय आयुर्वेदिक काॅलेज एवं अस्पताल पटना एम्स के साथ मिलकर कोविड-19 पर रिसर्च की तैयारी कर रहा है. इसको लेकर चार अलग-अलग एंगल से प्रोजेक्ट बनाये गये हैं और चार टीमों का गठन भी आयुर्वेदिक कॉलेज ने कर दिया है.
पटना : आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद पटना का राजकीय आयुर्वेदिक काॅलेज एवं अस्पताल पटना एम्स के साथ मिलकर कोविड-19 पर रिसर्च की तैयारी कर रहा है. इसको लेकर चार अलग-अलग एंगल से प्रोजेक्ट बनाये गये हैं और चार टीमों का गठन भी आयुर्वेदिक कॉलेज ने कर दिया है. केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही रिसर्च का काम शुरू होगा. रिसर्च की इस योजना के मुताबिक पटना एम्स में आने वाले कोराना संक्रमित मरीजों को आयुर्वेदिक दवाएं देकर यह देखा जाना है कि उन पर इसका क्या असर हुआ. इसके साथ ही मरीजों पर सर्वे का काम भी होगा. इसमें हर टीम के साथ एम्स की एक फैकल्टी भी रहेगी. इस संबंध में पटना एम्स को लिखित में रिसर्च का प्रपोजल भी सौंपा जा चुका है. एम्स प्रशासन भी इस पर सकारात्मक सहयोग कर रहा है.
सोमवार को आयुर्वेदिक काॅलेज और एम्स के पदाधिकारियों के बीच इसको लेकर बातें भी हो चुकी हैं.बिहार में पहली बार होगा कोविड-19 पर रिसर्चकेंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद यह पहली बार होगा कि बिहार में भी कोविड-19 पर रिसर्च होगा. इससे पहले आयुर्वेदिक काॅलेज ने पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और आरएमआरआइ को भी पत्र लिख कर साथ में रिसर्च करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इनकी ओर से बात आगे नहीं बढ़ायी गयी. कोविड-19 की अब तक कोई दवा ईजाद नहीं हो पायी है.
दुनिया भर में इसकी दवा और टीके की खोज में रिसर्च हो रहे हैं. आयुर्वेदिक डाॅक्टरों का दावा है कि आयुर्वेदिक दवाओं से मरीज या व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. अगर रोग से लड़ने की ताकत मजबूत होगी, तो कोविड-19 के मरीज आसानी से ठीक हो जायेंगे.
ऐसे में इन्हीं बातों पर राजकीय आयुर्वेदिक काॅलेज एवं अस्पताल रिसर्च करना चाहता है. कोट : रिसर्च को लेकर बातें आगे बढ़ींहम कोविड-19 के मरीजों में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव पर रिसर्च करना चाहते हैं. इसको लेकर हमें आयुष मंत्रालय की ओर से पिछले दिनों दिशा निर्देश मिले थे. पटना एम्स से रिसर्च को लेकर बातें आगे बढ़ी हैं. केंद्र सरकार से अपने रिसर्च प्रोजेक्टों की मंजूरी का इंतजार हैै. हमने चार प्रोजेक्ट के लिये आवेदन दिया है. चार टीमें भी बनायी जा चुकी हैं. प्रो दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक काॅलेज एवं अस्पताल, पटना