अकलियत देश की सरकार तय नहीं कर सकती, ये काम हिंदू करते हैं: प्रो मुस्तफा

चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. फैजान मुस्तफा ने कहा कि कोई भी सरकार का बनना या कम ताकत से बनना कोई अकलियत या अकलियत का ग्रुप तय नहीं कर सकता है.

By Prabhat Khabar Print | July 1, 2024 1:18 AM

– स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल कय्युम अंसारी व परमवीर चक्र विजेता हमीद की जयंती की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित

संवाददाता, पटना

चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. फैजान मुस्तफा ने कहा कि कोई भी सरकार का बनना या कम ताकत से बनना कोई अकलियत या अकलियत का ग्रुप तय नहीं कर सकता है. ये काम मुल्क के हिंदू तय करते हैं कि किसको सत्ता दें या किसकी सत्ता कम कर दें. कहा कि आप (मुस्लिम) जब इस तरह का क्रेडिट लेते हैं तो कोई सांसद कहता है कि मेरे पास काम लेकर मत आना. गैर जरूरी तौर पर क्रेडिट लेकर हम समुदाय को भी परेशानी में डालते हैं. वे रविवार को पटना के जगजीवन राम शोध संस्थान में स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल कय्युम अंसारी व परमवीर चक्र विजेता हमीद की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

प्रो. मुस्तफा ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिलता है. लेकिन, मुस्लिम और इसाइयों में ऐसी कई जातियां हैं, जिनकी स्थिति हिंदू दलितों से भी खराब है. मुस्लिमों की इन जातियों को भी दलित हिंदुओं की तरह सुविधाएं मिली चाहिए. कहा कि हिस्सेदारी की जगह नुमाइंदगी कम होने की बात को प्रमुखता से उठाएं. हिजाब को जब तक मजहबी परंपरा बताते रहेंगे तब तक यह कोर्ट में स्टैंड नहीं करेगा. हिजाब को अपनी निजी च्वाइस बतानी चाहिए. इससे कोर्ट में केस जीतने की संभावना बहुत बढ़ जायेगी.

पसमांदा की अपेक्षा बर्दाश्त नहीं होगी: अली अनवर

पूर्व सांसद व ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अली अनवर ने कहा कि पसमांदा समाज की राजनीतिक दल उपेक्षा कर रहे हैं. अगले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा राजनीतिक दलों को उठाना पड़ेगा. राजद विधायक व पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी ने कहा कि बिहार में बढ़े आरक्षण पर पटना हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. सामाजिक न्याय आंदोलन बिहार के संयोजक रिंकू यादव ने कहा कि बिहार में पिछड़े वर्गों में आरक्षण में बढ़ोत्तरी न्याय संगत है. मौके पर अख्तर अंसारी, प्रो. ताजुद्दीन अंसारी, मुमताज कुरैशी, सलाउद्दीन राईनी, मास्टर अब्दुल करीम अंसारी, रफीक अंसारी, मुर्तजा अली कैशर, रहमतुल्ला अंसारी, कौशर अली आदि थे.

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